इस्लामाबाद। पाकिस्तान की जनता कोरोना वायरस से बेहाल हो चुकी है। प्रधानमंत्री इमरान खान महामारी को नियंत्रित करने में पूरी तरह से फेल साबित हुए है। स्थिति बिगड़ते देख पाकिस्तान की शीर्ष कोर्ट ने इमरान सरकार को फटकारा है और कोविड-19 को गंभीरता से लेने के लिए कहा है। साथ ही तत्काल राष्ट्रीय कानून बनाने का आदेश दिया है। लेकिन इसके बावजूद प्रधानमंत्री इमरान खान अपना ध्यान भयंकर संकट में फंसे पाकिस्तानियों को बाहर निकालने के बजाय भारत पर दे रहे है।
कर्ज में डूबे पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने कोरोना वायरस से लड़ने के लिए भारत की मदद की पेशकश की है. ऐसा लगता है आज (11 जून) इमरान खान अपनी खस्ताहाल अर्थव्यवस्था को भूल गए। उन्होंने एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए ट्वीट किया कि “पूरे भारत में 34% परिवार बिना सहायता के एक सप्ताह से अधिक समय तक बचे नहीं रह पाएंगे। मैं मदद देने के लिए तैयार हूं और भारत के साथ हमारे सफल नकद हस्तांतरण कार्यक्रम को साझा करने के लिए भी तैयार हूं, इसकी पहुंच और पारदर्शिता को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिली है।”
Read More : पाकिस्तान की एक और चाल, बनाया Arogya Setu App, निशाने पर भारतीय यूजर्स का डेटा
पाकिस्तान तीसरा सबसे जोखिम वाला देश
एक अध्ययन से पता चला है कि पाकिस्तान कोरोना वायरस से प्रभावित होने वाले सबसे जोखिम वाले देशों में तीसरे स्थान पर है. डीप नॉलेज ग्रुप की एक विस्तृत रिपोर्ट में पाकिस्तान की रैंकिंग कुल 200 देशों में 148वें स्थान पर की गई है। पाकिस्तान को सुरक्षात्मक नंबर (सेफ्टी स्कोर) के तौर पर 370 अंक मिले हैं, जबकि उच्चतम स्कोर 752 है। विश्लेषण में पाया गया कि निगरानी, एकांतवास दक्षता, पहचान क्षमता, स्वास्थ्य तत्परता और सरकारी दक्षता जैसे पैरामीटर पर पाकिस्तान फिसड्डी है। इस लिस्ट में भारत 532 अंकों के साथ 56वें स्थान पर है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने दावा किया है कि कहा है कि महामारी जून और जुलाई में अपने चरम पर पहुंच जाएगी। इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार ने जब से व्यवसायों को अपनी नई स्मार्ट लॉकडाउन नीति के तहत फिर से संचालित किए जाने के साथ सड़क, ट्रेन और हवाई यात्रा की अनुमति दी है, तभी से पाकिस्तान में जानलेवा वायरस के मामलों में अचानक वृद्धि देखने को मिली है। पाकिस्तान में फिलहाल कोरोना वायरस के मामलों की संख्या 1 लाख 19 हजार का आंकड़ा पार कर गई है, जबकि 2 हजार 350 से अधिक संक्रमितों की मौत हुई है।
वहीं दूसरी ओर स्वास्थ्य विशेषज्ञ और डॉक्टरों ने देश की स्वास्थ्य प्रणाली की अधिकतम क्षमता और कमजोर चिकित्सा प्रणाली को लेकर चिंता व्यक्त की है। साथ ही पाकिस्तान में बेकाबू होते हालात को देखते हुए चिकित्सा संघों ने भी एक सख्त लॉकडाउन और आवाजाही पर सख्त प्रतिबंध लगाए जाने की मांग की है। जबकि मंगलवार को पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने इमरान सरकार को कोरोना वायरस से उत्पन्न हालात को गंभीरता से नहीं लेने के लिए खूब फटकारा साथ ही इस महामारी की रोकथाम के लिये राष्ट्रीय कानून बनाने का निर्देश दिया है।