प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) ने ‘राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस सेवा वितरण आकलन (एनईएसडीए) – राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के लिए सुझाव की मासिक रिपोर्ट’ का पांचवां संस्करण जारी किया है, जो राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में ई-सेवा वितरण की स्थिति का विस्तृत विवरण प्रदान करता है।
जुलाई की मासिक रिपोर्ट ई-सेवाओं, अनिवार्य ई-सेवाओं (एनईएसडीए 2021 के अनुसार) की स्थिति प्रस्तुत करती है और राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में सर्वोत्तम प्रथाओं पर प्रकाश डालती है। यह राज्य/केंद्रशासित प्रदेश के एकल एकीकृत सेवा वितरण पोर्टल के माध्यम से प्रदान की जाने वाली ई-सेवाओं के संतृप्ति स्तर को भी रेखांकित करता है। इसके अलावा, रिपोर्ट में विशेष रूप से शिक्षा क्षेत्र के तहत प्रदान की जाने वाली ई-सेवाओं का गहन विश्लेषण किया गया है।
जुलाई, 2023 माह की रिपोर्ट की मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं:
ई-सर्विसेज
राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में 13,867 ई-सेवाएँ प्रदान की जाती हैं, जो जून रिपोर्ट के मुकाबले 6.3 प्रतिशत (816) सेवाओं की वृद्धि है।
2,016 अनिवार्य ई-सेवाओं में से 1,397 (56*36 राज्य/केंद्र शासित प्रदेश) उपलब्ध हैं, जिससे परिपूर्णता 69 प्रतिशत हो गई है।
क्षेत्र में ई-सेवाओं की अधिकतम संख्या (5,203) है – स्थानीय शासन और उपयोगिता सेवाएँ।
58 प्रतिशत यानी 36 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में से 21 ने पर्यटन क्षेत्र में अनिवार्य ई-सेवाओं की संतृप्ति हासिल कर ली है। इसके बाद पर्यावरण क्षेत्र का स्थान 47प्रतिशत है जी यानी 36 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में से 17 में।
शिक्षा क्षेत्र में ई-सेवाएँ
शिक्षा क्षेत्र के अंतर्गत 911 ई-सेवाएँ मैप की गई है
शिक्षा क्षेत्र के अंतर्गत ई-सेवाओं के पहचाने गए उप-विषय हैं
दस्तावेज़ प्रबंधन और प्रमाणपत्र जारी करने के अंतर्गत 297 ई-सेवाएँ
शिक्षा संस्थान सेवाएँ एवं सहायता के अंतर्गत 297 ई-सेवाएँ
वित्तीय सहायता योजनाओं और छात्रवृत्ति के तहत 202 ई-सेवाएँ
संस्थान पंजीकरण और विनियमन के तहत 78 ई-सेवाएँ
अन्य के अंतर्गत 37 ई-सेवाएँ
मध्य प्रदेश शिक्षा क्षेत्र में अधिकतम ई-सेवाएँ (122) प्रदान करता है, जिसके बाद कर्नाटक (113), केरल (92), गुजरात (69), और हिमाचल प्रदेश (55) प्रदान करते हैं।
शिक्षा क्षेत्र के अंतर्गत पहचानी गई 25 प्रकार की विशिष्ट ई-सेवाओं में से, कर्नाटक (21) अधिकतम प्रकार की ई-सेवाएँ प्रदान करता है। इसके बाद केरल (17) और मध्य प्रदेश (16) प्रदान करते हैं।
सर्वोत्तम प्रथाएं
गुजरात सरकार ने जी-शाला (गुजरात स्टूडेंट्स होलिस्टिक एडेप्टिव लर्निंग ऐप) विकसित किया है जो ग्रेड I-XII के लिए ई-कंटेंट के साथ एक लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम (एलएमएस) है।
मध्य प्रदेश सरकार देश का पहला राज्य है जिसने अपने शिक्षा का अधिकार (आरटीई) पोर्टल के माध्यम से 100प्रतिशत सीटों के आवंटन के लिए ऑनलाइन और केंद्रीकृत प्रणाली का उपयोग किया है।
नागालैंड सरकार ने कॉमन स्कॉलरशिप पोर्टल स्थापित किया है, जो राज्य की सभी छात्रवृत्ति के लिए एक केंद्रीकृत मंच के रूप में कार्य कर रहा है।
हिमाचल प्रदेश सरकार ने अपने हिमाचल प्रदेश तकनीकी शिक्षा (एचपीटेक) बोर्ड पोर्टल के माध्यम से पॉलिटेक्निक के साथ-साथ आईटीआई उम्मीदवारों की ऑनलाइन प्रवेश संबंधी प्रक्रियाएं शुरू की हैं।
कर्नाटक सरकार ने अपने कर्नाटक स्कूल परीक्षा और मूल्यांकन बोर्ड पोर्टल के माध्यम से राज्य में पूरी परीक्षा प्रक्रिया को डिजिटल कर दिया है।