विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने आज रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ मास्को में बैठक की। बाद में एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में डॉ. जयशंकर ने कहा कि भारत और रूस के संबंध समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं और परस्पर विश्वास पर आधारित हैं जो आगे भी ऐसे ही बने रहेंगे। उन्होंने कोविड महामारी की दूसरी लहर के दौरान रूस की ओर से भारत को दी गई मदद के लिए आभार व्यक्त किया। विदेश मंत्री ने कहा कि रुस की ओर से मदद की चार खेप विमान से तुरंत भारत पहुंचाई गई थी।
डॉ. जयंशंकर ने कहा कि भारत स्पूतनिक टीकों के उत्पादन और उनके इस्तेमाल के लिए रूस के साथ साझेदारी कर रहा है। उन्होंने कहा कि इसका फायदा केवल भारत और रूस को ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया को होगा।
विदेश मंत्री ने कहा कि बैठक में अफगानिस्तान की स्थिति पर भी चर्चा हुई क्योंकि यह मामला प्रत्यक्ष रूप से क्षेत्रीय सुरक्षा से जुडा है। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में हिंसक गतिविधियां कम होनी चाहिए। डॉक्टर जयशंकर ने कहा कि अफगानिस्तान की आर्थिक, सामाजिक तथा लोकतांत्रिक व्यवस्था में हुए सुधार को बनाए रखने के लिए भारत और रूस का मिलकर काम करना जरूरी है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत और रूस एक स्वतंत्र, संप्रभु, अखंड और लोकतांत्रिक अफगानिस्तान के लिए प्रतिबद्ध हैं।