प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने हिंदुस्तान ऑर्गेनिक केमिकल्स लिमिटेड (एचओसीएल) को दिए भारत सरकार के कर्ज पर 31 मार्च, 2005 तक के 7.59 करोड़ रुपये के ब्याज को माफ़ करने की पूर्वव्यापी मंज़ूरी दे दी है।
यह माफी मार्च 2006 में एचओसीएल को पुनर्वास पैकेज के तहत सीसीईए द्वारा पहले ही मंज़ूर किए गए दंडात्मक ब्याज और 31 मार्च, 2005 तक के ब्याज की माफी के अतिरिक्त है।
लगभग दस साल पुराना मामला होने के कारण भारत सरकार और एचओसीएल के खाते से 7.59 करोड़ रुपये की ब्याज राशि को पहले ही हटाया जा चुका है और इस ब्याज राशि का अब कोई मतलब नहीं रह गया है। अब यह उचित होगा कि 31 मार्च, 2005 तक के भारत सरकार के कर्ज पर 7.59 करोड़ रुपये के ब्याज की माफ़ी को नियमित कर दिया जाए। इस पूर्वव्यापी मंज़ूरी से एचओसीएल को भी मामले में लंबित पड़े सीएजी के ऑडिट अवलोकन को निपटाने में मदद मिलेगी।
कैबिनेट ने राजस्व बंटवारे के आधार पर कोयला / लिग्नाइट की बिक्री के लिए कोयला और लिग्नाइट खानों/ ब्लॉकों की नीलामी के लिए कार्यप्रणाली अपनाने और कोकिंग कोल लिंकेज के कार्यकाल को बढ़ाने की मंज़ूरी दी
कोयले से अधिकतम राजस्व हासिल के लिए उन्मुख होने से लेकर बाजार में जल्द से जल्द अधिकतम कोयला उपलब्ध कराने के लिए दृष्टिकोण में आदर्श बदलाव
अधिक बाजारोन्मुख राजस्व शेयर नीलामी पद्धति से पहले से तय रुपये प्रति टन आधार नीलामी पद्धति से महज एक कदम दूर
कार्य पद्धति से पर्याप्त प्रतिस्पर्धा आती है जिससे ब्लॉकों के लिए बाजार मूल्यों का पता चलता है और कोयला ब्लॉकों का तेजी से विकास होता है
खनन पट्टा क्षेत्र में कोल बेड मीथेन के वाणिज्यिक दोहन की अनुमति देना
कोयले की खदान से कोयले के जल्दी उत्पादन की स्थिति में राजस्व हिस्सेदारी भुगतान में छूट
स्वच्छ कोयला विकल्प – गैसीकरण या द्रवीकरण के लिए कोयले की खपत या बिक्री में छूट
बड़े निवेश से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होगा
गैर-विनियमित क्षेत्र लिंकेज नीलामी में कोकिंग कोल लिंकेज का कार्यकाल 30 साल तक बढ़ा
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनट समिति ने राजस्व बंटवारे के आधार पर कोयला / लिग्नाइट की बिक्री के लिए कोयला और लिग्नाइट खानों/ ब्लॉकों की नीलामी के लिए कार्यप्रणाली अपनाने और कोकिंग कोल लिंकेज के कार्यकाल को बढ़ाने की मंज़ूरी दी।
यह पद्धति बताती कि राजस्व हिस्सेदारी ही बोलियां लगाने का पैमाना होगा। बोलीदाताओं को सरकार को देय राजस्व के एक अनुपात में हिस्से के लिए बोली लगाने की आवश्यकता होगी। निम्न मूल्य राजस्व हिस्सेदारी का 4 फीसदी होगा। बोलियां राजस्व हिस्सेदारी की प्रतिशतता 10 फीसदी तक पहुंचने तक राजस्व हिस्सेदारी के 0.5 प्रतिशत के गुणकों में स्वीकार की जाएंगी और उसके बाद राजस्व हिस्सेदारी के 0.25% के गुणकों में बोलियां स्वीकार की जाएंगी। कोयले की खदान से कोयले की बिक्री और / या उपयोग पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा।
अधिक बाजारोन्मुख राजस्व शेयर नीलामी पद्धति से पहले से तय रुपये प्रति टन आधार नीलामी पद्धति से महज एक कदम दूर
कार्य पद्धति से पर्याप्त प्रतिस्पर्धा आती है जिससे ब्लॉकों के लिए बाजार मूल्यों का पता चलता है और कोयला ब्लॉकों का तेजी से विकास होता है
यह कार्य पद्धति जल्द से जल्द बाजार में अधिकतम कोयला उपलब्ध कराने पर केंद्रित है और यह बाजार में पर्याप्त प्रतिस्पर्धा लाता है जिससे ब्लॉकों के लिए बाजार मूल्यों का पता चलता है और कोयला ब्लॉकों के तेजी से विकास की अनुमति देता है। कोयला क्षेत्रों खासकर खनन क्षेत्र में बड़े निवेश से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार सृजित होगा और इन क्षेत्रों के आर्थिक विकास पर इसका अच्छा प्रभाव पड़ेगा।
PIB