प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ओडिशा के भुवनेश्वर में महिला-केंद्रित सबसे बड़ी योजना ‘सुभद्रा’ का शुभारंभ किया

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ओडिशा के भुवनेश्वर में महिला-केंद्रित सबसे बड़ी योजना ‘सुभद्रा’ का शुभारंभ किया

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज ओडिशा के भुवनेश्वर में ओडिशा सरकार की प्रमुख योजना ‘सुभद्रा’ का शुभारंभ किया। यह महिला-केंद्रित सबसे बड़ी योजना है और इसके अंतर्गत 1 करोड़ से अधिक महिलाओं के शामिल होने की उम्मीद है। प्रधानमंत्री ने 10 लाख से अधिक महिलाओं के बैंक खातों में धन राशि का अंतरण भी किया। ​​प्रधानमंत्री मोदी ने 2800 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली रेलवे परियोजनाओं की आधारशिला रखी और उन्हें राष्ट्र को समर्पित किया, तथा 1000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की आधारशिला रखी। प्रधानमंत्री ने लगभग 14 राज्यों के पीएमएवाई-जी के तहत लगभग 10 लाख लाभार्थियों को सहायता की पहली किस्त जारी की, देश भर से पीएमएवाई (ग्रामीण और शहरी) के 26 लाख लाभार्थियों के लिए गृह-प्रवेश समारोह में हिस्सा लिया और पीएमएवाई (ग्रामीण और शहरी) लाभार्थियों को घर की चाबियां सौंपी। इसके अलावा, उन्होंने पीएमएवाई-जी के लिए अतिरिक्त परिवारों के सर्वेक्षण के लिए आवास+2024 ऐप और प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (पीएमएवाई-यू) 2.0 के परिचालन दिशानिर्देश भी जारी किए।

सुभद्रा योजना के तहत 21-60 वर्ष की आयु के सभी पात्र लाभार्थियों को 2024-25 से 2028-29 के बीच 5 वर्षों की अवधि में 50,000 रुपए मिलेंगे। दो समान किस्तों में प्रति वर्ष 10,000 रुपए की राशि सीधे लाभार्थी के आधार-सक्षम और डीबीटी-सक्षम बैंक खाते में जमा की जाएगी। इस ऐतिहासिक अवसर पर प्रधानमंत्री ने 10 लाख से अधिक महिलाओं के बैंक खातों में धनराशि अंतरण की शुरुआत की।

प्रधानमंत्री ने भुवनेश्वर में 2800 करोड़ रुपए से अधिक की लागत वाली रेलवे परियोजनाओं की आधारशिला रखी और उन्हें राष्ट्र को समर्पित किया। इन रेलवे परियोजनाओं से ओडिशा में रेलवे का बुनियादी ढांचा मजबूत होगा और क्षेत्रीय विकास तथा संपर्क में सुधार होगा। उन्होंने 1000 करोड़ रुपए से अधिक की लागत वाली राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी।

प्रधानमंत्री ने लगभग 14 राज्यों के पीएमएवाई-जी के तहत लगभग 10 लाख लाभार्थियों को सहायता की पहली किस्‍त जारी की। कार्यक्रम के दौरान देश भर के पीएमएवाई (ग्रामीण और शहरी) के 26 लाख लाभार्थियों के लिए गृह प्रवेश समारोह भी आयोजित किया गया। प्रधानमंत्री ने पीएमएवाई (ग्रामीण और शहरी) लाभार्थियों को उनके घर की चाबियां सौंपी और पीएमएवाई-जी के लिए अतिरिक्त घरों के सर्वेक्षण के लिए आवास+2024 ऐप भी लॉन्च किया। इसके अलावा, उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (पीएमएवाई-यू) 2.0 के परिचालन दिशा-निर्देश भी लॉन्च किए।

प्रधानमंत्री ने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए आज के कार्यक्रम का हिस्सा बनने के लिए उनका आभार व्यक्त किया और कहा कि लोगों और भगवान जगन्नाथ की सेवा करने का अवसर तब मिलता है, जब भगवान का आशीर्वाद मिलता है।

प्रधानमंत्री ने गणेश उत्सव और आज अनंत चतुर्दशी और विश्वकर्मा पूजा के शुभ अवसर का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है जहां भगवान विश्वकर्मा के रूप में कौशल और श्रम की पूजा की जाती है। उन्होंने इस अवसर पर अपनी शुभकामनाएं दीं। प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसे पवित्र अवसर पर उन्हें ओडिशा की माताओं और बहनों के लिए सुभद्रा योजना शुरू करने का अवसर मिला है।

प्रधानमंत्री ने आज भगवान जगन्नाथ की धरती से देशभर में 30 लाख से अधिक परिवारों को पक्के मकान सौंपे जाने का जिक्र किया और बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में 26 लाख और शहरी क्षेत्रों में 4 लाख मकान सौंपे गए हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने आज ओडिशा में हजारों करोड़ से अधिक की लागत वाली कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री मोदी ने इसके लिए ओडिशा और देश के लोगों को बधाई दी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि नई भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद यह उनकी पहली ओडिशा यात्रा है, जिसके शपथ ग्रहण समारोह में वे शामिल हुए थे। उन्होंने लोगों को याद दिलाया कि चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने कहा था कि अगर ‘डबल इंजन’ वाली सरकार बनती है, तो ओडिशा प्रगति और समृद्धि की ओर अग्रसर होगा। प्रधानमंत्री मोदी ने विश्वास जताया कि ग्रामीणों, वंचितों, दलितों, आदिवासियों, महिलाओं, युवाओं, मध्यम वर्गीय परिवारों से लेकर समाज के विभिन्न वर्गों के सपने अब पूरे होंगे। उन्हें खुशी है कि किए गए वादे तेजी से पूरे हो रहे हैं। अब तक पूरे किए गए वादों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि श्री जगन्नाथ पुरी मंदिर के सभी चार द्वार जनता के लिए खोल दिए गए हैं और मंदिर का रत्न भंडार भी खोल दिया गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भाजपा सरकार ओडिशा के लोगों की सेवा के लिए प्रयासरत है और उन्होंने खुशी जताई कि सरकार खुद लोगों के पास जाकर उनके मुद्दों को हल करने जा रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने इसके लिए पूरी ओडिशा सरकार को बधाई दी और उसकी प्रशंसा की।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज का दिन विशेष है क्योंकि आज वर्तमान सरकार 100 दिन पूरे कर रही है। इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के गरीबों, किसानों, युवाओं और महिलाओं के कल्याण के लिए बड़े फैसले लिए गए हैं। पिछले 100 दिनों की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि गरीबों के लिए 3 करोड़ पक्के घर बनाए जाएंगे, नौजवानों के लिए 2 लाख करोड़ रुपए का पीएम पैकेज घोषित किया गया है और इसके तहत निजी कंपनियों में उनकी पहली नौकरी का पहला वेतन सरकार देगी। उन्होंने यह भी बताया कि ओडिशा सहित पूरे देश में 75 हज़ार नई मेडिकल सीटें जोड़ने का भी फैसला किया गया है और 25,000 गांवों को पक्की सड़कों से जोड़े जाने की भी स्वीकृति दी गई है। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि जनजातीय मामलों के मंत्रालय के लिए बजट आवंटन लगभग दोगुना कर दिया गया है, लगभग 60,000 आदिवासी गांवों के विकास के लिए एक विशेष परियोजना की घोषणा की गई है, सरकारी कर्मचारियों के लिए एक नई पेंशन योजना शुरू की गई है और पेशेवरों, कारोबारियों और उद्यमियों के लिए आयकर कम किया गया है।

प्रधानमंत्री ने बताया कि पिछले 100 दिनों में देश में 11 लाख से ज़्यादा लखपति दीदियां बनी हैं, तिलहन और प्याज़ के किसानों के लिए बड़े फैसले लिए गए हैं, भारतीय किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए विदेशों में उत्पादित तेलों पर आयात शुल्क बढ़ाया गया है, निर्यात को बढ़ावा देने के लिए बासमती चावल पर निर्यात शुल्क कम किया गया है, फसलों पर एमएसपी बढ़ाया गया है जिससे करोड़ों किसानों को लगभग 2 लाख करोड़ रुपए का लाभ हुआ है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “पिछले 100 दिनों में सभी के लाभ के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं।”

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि किसी भी देश की तरक्की तभी संभव है जब उसकी आधी आबादी यानि महिला शक्ति की भागीदारी बराबर हो। उन्होंने कहा कि महिलाओं की उन्नति और उनका सशक्तिकरण ओडिशा के विकास की कुंजी होगी। ओडिशा की लोककथाओं का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यहां भगवान जगन्नाथ के साथ देवी सुभद्रा की मौजूदगी हमें महिला सशक्तिकरण के बारे में बताती है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “मैं देवी सुभद्रा के रूप में सभी माताओं, बहनों और बेटियों को नमन करता हूं।”

प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रसन्नता जताई कि नई भाजपा सरकार ने अपने शुरुआती फैसलों के अनुरूप ओडिशा की माताओं और बहनों को सुभद्रा योजना का उपहार दिया है। उन्होंने कहा कि इससे ओडिशा की 1 करोड़ से ज़्यादा महिलाओं को फ़ायदा होगा। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस योजना के तहत महिलाओं को कुल 50,000 रुपए दिए जाएंगे जो सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में जमा किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि यह योजना आरबीआई की डिजिटल करेंसी के पायलट प्रोजेक्ट से भी जुड़ी हुई है। प्रधानमंत्री मोदी ने ओडिशा की महिलाओं को देश में अपनी तरह की पहली डिजिटल करेंसी योजना से जुड़ने के लिए बधाई दी।

प्रधानमंत्री ने सुभद्रा योजना को ओडिशा की हर मां, बहन और बेटी तक पहुंचाने के लिए राज्य भर में कई यात्राओं के आयोजन की बात कही। उन्होंने कहा कि महिलाओं को योजना से जुड़ी हर जानकारी से अवगत कराया जा रहा है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि राज्य में मौजूदा सरकार के कई कार्यकर्ता भी पूरी शक्ति से इस सेवा में लगे हुए हैं और उन्होंने इस जन-जागरूकता के लिए सरकार, प्रशासन के साथ-साथ विधायकों, सांसदों और पार्टी कार्यकर्ताओं को बधाई दी।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “प्रधानमंत्री आवास योजना भारत में महिला सशक्तिकरण का प्रतिबिंब है”। उन्होंने कहा कि अब संपत्ति महिलाओं के नाम पर पंजीकृत की जा रही है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आज देशभर के लगभग 30 लाख परिवारों ने गृह प्रवेश किया है, जबकि 15 लाख नए लाभार्थियों को आज स्वीकृति पत्र दिए गए हैं और 100 दिनों के कम समय में 10 लाख से अधिक लाभार्थियों के बैंक खातों में धनराशि अंतरण की गई है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “हमने यह शुभ कार्य ओडिशा की पवित्र भूमि से किया है और इसमें बड़ी संख्या में ओडिशा के गरीब परिवार भी शामिल हैं।” उन्होंने कहा कि आज पक्के घर पाने वाले लाखों परिवारों के लिए जीवन की एक नई शुरुआत हो रही है।

प्रधानमंत्री ने आज सुबह एक आदिवासी परिवार के गृह-प्रवेश में भाग लेने के अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा कि वे उनकी खुशी और उनके चेहरे पर दिख रही संतुष्टि को कभी नहीं भूल सकते। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “यह अनुभव, यह भावना मेरे पूरे जीवन के खजाने के बराबर है। गरीब, दलित, वंचित और आदिवासी समाज के जीवन में आ रहे बदलाव के परिणामस्वरूप यह खुशी मुझे और अधिक मेहनत करने की ऊर्जा देती है।”

प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि ओडिशा में वह सब कुछ मौजूद है, जो एक विकसित राज्य के लिए जरूरी है और कहा कि यहां युवा प्रतिभा, महिला शक्ति, प्राकृतिक संसाधन, उद्योगों के लिए अवसर, पर्यटन की अपार संभावनाएं मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में केंद्र में रहते हुए सरकार ने हमेशा ओडिशा को अपनी प्राथमिकता के तौर पर देखा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज ओडिशा को केंद्र से 10 साल पहले की तुलना में तीन गुना अधिक धनराशि मिल रही है। उन्होंने उन योजनाओं के क्रियान्वयन पर भी खुशी जताई जो पहले कभी नहीं हो पाईं। आयुष्मान योजना की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ओडिशा के लोगों को 5 लाख रुपए तक के मुफ्त इलाज का लाभ भी मिलेगा जबकि 70 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों को 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मिलेगा, चाहे उनकी आय कुछ भी हो। उन्होंने कहा “मोदी ने लोकसभा चुनाव के दौरान एक वादा किया था और मोदी ने अपनी गारंटी पूरी की है।”

प्रधानमंत्री ने इस बात पर बल दिया कि ओडिशा में रहने वाले दलित, वंचित और आदिवासी समुदाय गरीबी के खिलाफ अभियान के सबसे बड़े लाभार्थी हैं। चाहे आदिवासी समुदाय के कल्याण के लिए अलग मंत्रालय बनाना हो, आदिवासी समुदाय को उनकी जड़ों, जंगलों और जमीन पर अधिकार देना हो, आदिवासी युवाओं को शिक्षा और रोजगार के अवसर देना हो या फिर ओडिशा की एक आदिवासी महिला को देश का माननीय राष्ट्रपति बनाना हो, सरकार ने पहली बार ऐसे कार्य किए हैं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि ओडिशा में कई आदिवासी इलाके और समूह हैं, जो कई पीढ़ियों से विकास से वंचित हैं। उन्होंने जनजातियों में सबसे पिछड़े लोगों को सहारा देने के लिए पीएम जनमन योजना के बारे में बताया और कहा कि ओडिशा में 13 ऐसी जनजातियों की पहचान की गई है। प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि जनमन योजना के तहत सरकार इन सभी समुदायों को विकास योजनाओं का लाभ पहुंचा रही है। आदिवासी इलाकों को सिकल सेल एनीमिया से मुक्त करने के लिए भी अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले 3 महीनों में इस अभियान के तहत 13 लाख से अधिक लोगों की जांच की गई है।

प्रधानमंत्री ने कहा, “आज भारत अभूतपूर्व तरीके से पारंपरिक कौशल के संरक्षण पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।” उन्होंने कहा कि देश में सैकड़ों-हजारों वर्षों से लोहार, कुम्हार, सुनार और मूर्तिकार जैसे लोग काम करते रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछले साल विश्वकर्मा जयंती पर विश्वकर्मा योजना शुरू की गई थी, जिस पर सरकार 13,000 करोड़ रुपए खर्च कर रही है। अब तक 20 लाख लोगों ने इस योजना के तहत पंजीकरण कराया है और उन्हें प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने आधुनिक औजार खरीदने के लिए हजारों रुपए की वित्तीय सहायता और बिना गारंटी के बैंकों से कम ब्याज दर पर ऋण देने की बात भी कही। प्रधानमंत्री मोदी ने विश्वास व्यक्त किया कि गरीबों के लिए स्वास्थ्य, सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा की यह गारंटी विकसित भारत की असली ताकत बनेगी।

खनिज और प्राकृतिक संपदा से भरपूर ओडिशा के लंबे समुद्र तट का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इन संसाधनों को ओडिशा की ताकत बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, “अगले 5 वर्षों में हमें ओडिशा की सड़क और रेल कनेक्टिविटी को नई ऊंचाइयों पर ले जाना है।” आज उद्घाटन की गई रेल और सड़क से जुड़ी नई परियोजनाओं के बारे में बोलते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उन्हें लांजीगढ़ रोड-अंबोदला-डोइकालू रेलवे लाइन, लक्ष्मीपुर रोड-सिंगाराम-टिकरी रेलवे लाइन, ढेंकनाल-सदाशिवपुर-हिंडोल रोड रेलवे लाइन को देश को समर्पित करने का सौभाग्य मिला है। उन्होंने कहा कि आज जयपुर-नवरंगपुर नई रेलवे लाइन की आधारशिला रखने के साथ ही पारादीप बंदरगाह से संपर्क बढ़ाने के लिए भी काम शुरू किया गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि नई बुनियादी ढांचा परियोजनाएं ओडिशा के युवाओं के लिए बड़ी संख्या में रोजगार के नए अवसर पैदा करेंगी। उन्होंने कहा कि पुरी से कोणार्क रेलवे लाइन और हाई-टेक ‘नमो भारत रैपिड रेल’ पर भी जल्द ही काम शुरू किया जाएगा और आधुनिक बुनियादी ढांचा ओडिशा के लिए संभावनाओं के नए द्वार खोलेगा।

प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि आज देश ‘हैदराबाद मुक्ति दिवस’ मना रहा है। उन्होंने असाधारण इच्छाशक्ति का परिचय देकर देश को एकजुट करने और उस समय की अत्यंत अशांत परिस्थितियों में भारत विरोधी कट्टरपंथी ताकतों पर अंकुश लगाकर हैदराबाद को आजाद कराने के सरदार पटेल के प्रयासों की सराहना की। प्रधानमंत्री मोदी ने बल देकर कहा, “हैदराबाद मुक्ति दिवस सिर्फ एक तारीख नहीं है। यह देश की अखंडता और राष्ट्र के प्रति हमारे कर्तव्यों के लिए एक प्रेरणा भी है।”

भारत को पीछे धकेलने वाली चुनौतियों पर बोलते हुए प्रधानमंत्री ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में गणेश उत्सव के महत्व पर जोर दिया और कहा कि लोकमान्य तिलक ने राष्ट्र की भावना को पुनर्जीवित करने और औपनिवेशिक शासकों की विभाजनकारी रणनीति का मुकाबला करने के लिए सार्वजनिक रूप से इसका आयोजन किया था। प्रधानमंत्री ने कहा, “गणेश उत्सव एकता और भेदभाव तथा जातिवाद से ऊपर उठने का प्रतीक बन गया है”। उन्होंने कहा कि गणेश उत्सव समारोहों के दौरान पूरा समाज एकजुट दिखता है।

अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने उन लोगों को आगाह किया जो आज समाज को धर्म और जाति के आधार पर बांटने की कोशिश कर रहे हैं। प्रधानमंत्री के गणेश उत्सव में शामिल होने और कर्नाटक में भगवान गणेश की मूर्ति जब्त होने की दुर्भाग्यपूर्ण घटना के कारण कुछ समूहों में पैदा हुई दुश्मनी की ओर इशारा करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि समाज में जहर घोलने की यह घृणित सोच और मानसिकता देश के लिए बेहद खतरनाक है। उन्होंने सभी से ऐसी घृणित ताकतों को आगे न बढ़ने देने का आग्रह किया।

अपने संबोधन के समापन पर प्रधानमंत्री ने ओडिशा और देश को सफलता की नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए कई बड़ी उपलब्धियां हासिल करने का भरोसा जताया। उन्होंने विश्वास जताया कि आने वाले समय में विकास की गति और तेज होगी।

इस अवसर पर ओडिशा के राज्यपाल रघुबर दास और मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी सहित अन्य गणमान्य व्‍यक्ति उपस्थित थे।

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