शिक्षा और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय ने अखिल भारतीय शिक्षा समागम 2023 तथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति की तीसरी वर्षगांठ के अवसर पर आज विभिन्न प्रतिष्ठित संगठनों व संस्थानों के साथ 106 समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। समझौता ज्ञापन के अंतर्गत अनेक क्षेत्रों में नवाचार, अनुसंधान और ज्ञान के आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिए सार्वजनिक तथा निजी दोनों तरह संस्थाओं के साथ साझेदारी को शामिल किया गया है, जिससे शिक्षा व औद्योगिक-अकादमिक संबंधों में सहयोग के एक नए युग का सूत्रपात होगा।
केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, शिक्षा राज्य मंत्री सुभाष सरकार, शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी तथा शिक्षा राज्य मंत्री राजकुमार रंजन सिंह की उपस्थिति में हस्ताक्षर किये गए, जिन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में इस विशिष्ट आयोजन के माध्यम से भविष्य के अधिनायकों को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से कदम उठाने के लिए देश की वर्तमान शिक्षा प्रणाली व उद्योग जगत के अग्रणी व्यक्तियों की प्रशंसा की।
स्कूली शिक्षा और साक्षरता:
सीबीएसई के तहत, कौशल विकास व शिक्षा पर विशेष ध्यान देने के लिए विभिन्न संस्थानों तथा क्षेत्र आधारित कौशल प्रदाताओं के साथ 15 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए। ये साझेदारियां कौशल मूल्यांकन और क्षमता निर्माण को भी बढ़ावा देंगी। इन समझौता ज्ञापनों पर अटल इनोवेशन मिशन, आईबीएम, इंटेल, माइक्रोसॉफ्ट, अपैरल मेड-अप्स एंड होम फर्निशिंग सेक्टर स्किल काउंसिल, ऑटोमोटिव सेक्टर स्किल काउंसिल, स्पोर्ट्स, फिजिकल एजुकेशन, फिटनेस एंड लीजर स्किल्स काउंसिल, सेंट्रल स्क्वायर फाउंडेशन (सीएससी), एजुकेशनल इनिशिएटिव्स प्राइवेट लिमिटेड, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस इंडिया, लॉजिस्टिक्स सेक्टर स्किल काउंसिल, फर्नीचर और फिटिंग सेक्टर स्किल काउंसिल, लाइफ साइंसेज सेक्टर स्किल काउंसिल, टेक्सटाइल सेक्टर स्किल काउंसिल और हेल्थकेयर सेक्टर स्किल काउंसिल के साथ सहयोग करने के लक्ष्य के साथ हस्ताक्षर किए गए।
राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) के लिए 3 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर हुए हैं। इनका उद्देश्य भारतीय सांकेतिक भाषा में गुणवत्तापूर्ण शिक्षण संसाधनों के मानकीकरण व विकास के लिए विशेषज्ञता तथा संसाधनों को साझा करने हेतु भारतीय सांकेतिक भाषा को बढ़ावा देने में भारतीय सांकेतिक भाषा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र (आईएसएलआरटीसी); एनआईओएस में विद्यालय से बाहर के बच्चों (ओओएससी) के प्रवेश को सुविधाजनक बनाने, नामांकन बढ़ाने और ई-सेवाएं प्रदान करने में सीएससी ई-गवर्नेंस सेवाओं का लाभ उठाने के लिए इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) के साथ; तथा गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय के साथ अकादमिक उन्नति के उद्देश्य से सहयोग करना है। जेएनवी में विज्ञान ज्योति कार्यक्रम के प्रभावी कार्यान्वयन हेतु आयोजित गतिविधियों में तेजी लाने के लिए नवोदय विद्यालय समिति (एनवीएस) और आईबीएम के बीच एक समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए गए।
एनसीईआरटी ने गुणवत्तापूर्ण ई-कंटेंट के विकास और विभिन्न भाषाओं में पीएमईविद्या डीटीएच टीवी चैनलों के माध्यम से तथा विभिन्न हितधारकों के लिए इसके प्रसार के उद्देश्य से कई राज्यों के स्कूली शिक्षा विभागों के साथ ई-विद्या पहल से आगे बढ़ते हुए 20 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए हैं।
उच्च शिक्षा:
उच्च शिक्षा के क्षेत्र में भारतीय ज्ञान प्रणाली को बढ़ावा देने के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए 6 समझौता ज्ञापन किए गए। नेशनल एजुकेशनल टेक्नोलॉजी फोरम (एनईटीएफ) और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के तहत 14 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर हुए हैं: इसके तहत स्किलडिजायर टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड, मैथवर्क्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, टाइम्सप्रो, गूगल इंडिया, गेट इंडिया इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड, फ्यूचर माइंड्स, द ओपन ग्रुप, कंसोर्टियम फॉर टेक्निकल एजुकेशन (सीटीई), महालर्निंग टैब इंडिया, दुर्जेय सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, फ्लॉन्च इनोवेशन प्राइवेट लिमिटेड, इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर स्किल काउंसिल, एनआईईएलआईटी और इंस्ट्रुमेंटेशन ऑटोमेशन सर्विलांस एंड कम्युनिकेशन सेक्टर स्किल काउंसिल सहयोग करेंगे। इसके अलावा, समर्थ डीयू तथा एडसीआईएल के साथ एक समझौता ज्ञापन के साथ-साथ विभिन्न राज्यों के साथ 2 समर्थ समझौता ज्ञापनों पर भी हस्ताक्षर किए गए।
अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने की वजह से भी 6 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए हैं, जिनमें आईआईटी-मद्रास जांजीबार परिसर समझौता ज्ञापन भी शामिल है। इसके अलावा, उद्योग जगत में कार्यरत डिप्लोमा धारकों/स्नातक इंजीनियरों के प्रशिक्षण व ज्ञान को समृद्ध करने हेतु “फाउंड्री इंडस्ट्री के लिए डिजिटल विनिर्माण एवं स्वचालन” पर उन्नत प्रमाणन और प्रशिक्षण पाठ्यक्रम की पेशकश के उद्देश्य से आईआईटी तिरूपति तथा आईआईएफसीईटी के बीच समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए गए; “स्मार्ट विनिर्माण एवं इलेक्ट्रिक वाहन प्रौद्योगिकी” पर उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना के लक्ष्य के साथ आईआईटी तिरूपति और मेसर्स सीमेंस/विप्रो का सहयोग हुआ; आईआईटी जोधपुर व सीयू/राजस्थान का समझौता; उच्च शिक्षा में शैक्षणिक सहयोग तथा संसाधनों को साझा करने के लिए आईआईटी रोपड़ और उत्तर भारत के पांच केंद्रीय विश्वविद्यालयों की सहभागिता होगी; साथ ही समझौते के तहत वीएनआईटी नागपुर एवं टीसीएस ऑटोमोटिव इलेक्ट्रॉनिक्स साझेदारी करेंगे तथा पावर इलेक्ट्रॉनिक्स और अन्य संबंधित अंतःविषय विषयों के क्षेत्र में अग्रणी अनुसंधान करेंगे; इनके साथ-साथ एनआईटी रायपुर और भारत का सबसे बड़ा स्टील प्लांट भिलाई इस्पात संयंत्र विद्यार्थियों को औद्योगिक प्रशिक्षण और संयुक्त डिग्री कार्यक्रमों से परिचित कराकर उद्यमिता कौशल करेंगे। पीएम-उषा पहल के परिणामस्वरूप विभिन्न राज्यों के साथ 15 समझौता ज्ञापन भी हुए।
डीएचई और बीआईएसएजी-एन के बीच एक समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए गए। यूजीसी ने भी 5 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए हैं: इनमें मुंबई विश्वविद्यालय और इलिनोइस विश्वविद्यालय, यूएसए; मुंबई विश्वविद्यालय व सेंट लुइस विश्वविद्यालय, यूएसए; गुरु घासीदास विश्वविद्यालय तथा एल एन गुमिलोव यूरेशियन नेशनल यूनिवर्सिटी, कजाकिस्तान; लखनऊ विश्वविद्यालय- लिंकन यूनिवर्सिटी कॉलेज कुआलालंपुर, मलेशिया; लखनऊ विश्वविद्यालय एवं यूनिवर्सिडेड फ़ेडरल डो सेरा, ब्राज़ील शामिल हैं।
कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय:
कुल 14 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए हैं। जिनमें एडब्ल्यूएस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और ईटीएस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के साथ डीजीटी के समझौता ज्ञापन, टीआईडीईएस के साथ आईआईटी रूड़की के बिजनेस इनक्यूबेटर एनआईईएसबीयूडी का समझौता ज्ञापन, आईआईएमएल के ईआईसी-बिजनेस इनक्यूबेटर व देआसरा फाउंडेशन की सहभागिता; आईआईटी गुवाहाटी के साथ आईआईई का समझौता ज्ञापन; पियर्सन वीयूई, सिस्को, अजिनोरा, इंडो जर्मन चैंबर ऑफ कॉमर्स, इंडसइंड बैंक, यामाहा ऑटोमोबाइल, ईपॉवरएक्स लर्निंग टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड तथा ड्रोन डेस्टिनेशन के साथ एनएसडीसी का समझौता ज्ञापन शामिल हैं।
इस तरह के सहयोग भारतीय युवाओं को अत्याधुनिक कौशल व ज्ञान से परिपूर्ण करने, नवाचार को विस्तार देने तथा भारत में अकादमिक उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं। शिक्षा मंत्रालय इन साझेदारियों की पूरी क्षमता का दोहन करने और भारत के लिए एक उज्ज्वल व समृद्ध भविष्य को आकार देने के उद्देश्य से सभी हितधारकों के सामूहिक प्रयासों की अपेक्षा रखता है।