भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बैंकों के निदेशक मंडलों से डिजिटल ऋण वितरण सहित उचित कार्यपद्धति अपनाने और ग्राहकों के हितों की रक्षा को प्राथमिकता देने को कहा है। उन्होंने कहा कि ग्राहकों की शिकायतों का त्वरित और प्रभावी निवारण बैंक के समग्र कामकाज की दक्षता को दर्शाता है। शक्तिकांत दास आज मुम्बई में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा आयोजित बैंकों के निदेशकों के सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
रिजर्व बैंक गवर्नर ने कुछ बैंकों में कॉरपोरेट गवर्नेंस को लेकर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक को कुछ बैंकों के कामकाज में कमियां देखने को मिली है जिससे बैंकिंग क्षेत्र में उतार-चढाव आ सकते हैं। हालांकि इन कमियों को कुछ हद तक दूर किया गया है लेकिन यह आवश्यक है कि बोर्ड और प्रबंधन इस तरह के कमियों को बढ़ने न दें। शक्तिकांत दास ने कहा कि बैंकों में मजबूत प्रशासन सुनिश्चित करना अध्यक्ष और सभी निदेशकों की संयुक्त जिम्मेदारी है। उन्होंने सभी निदेशकों के बीच जरूरी सतर्कता की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि निदेशकों और मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को बोर्ड की बैठकों में स्वतंत्र और निष्पक्ष चर्चा का वातावरण बनाना चाहिए। गवर्नर ने बैंकों से अल्पकालिक लाभ के लिए जोखिम और दीर्घकालिक परिणामों की अनदेखी न करने को कहा।