विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने कहा है कि नई दिल्ली में होने वाले 18वें जी-20 शिखर सम्मेलन को वर्तमान ज्वलंत मुद्दों से निपटने के लिए प्रासंगिक अपने निष्कर्ष और समाधान, अवधारणा और कार्यों के कारण याद रखा जाएगा। रूस और चीन के राष्ट्रपति के जी-20 शिखर सम्मेलन में शामिल नहीं होने की खबरों पर किए गए एक प्रश्न के उत्तर में विदेश मंत्री ने कहा कि मुख्य विषय यह होना चाहिए कि शिखर सम्मेलन में जो देश शामिल होने के लिए आएंगे वे क्या दृष्टिकोण अपनाते हैं। विदेश मंत्री आज नई दिल्ली में डीडी डायलॉग को संबोधित कर रहे थे।
भारत की जी-20 की अध्यक्षता के दौरान अफ्रीकी संघ को जी-20 संगठन में शामिल किए जाने पर डॉ. जयशंकर ने विश्वास व्यक्त किया कि यह इस शिखर सम्मेलन में स्पष्ट होगा।