सर्बानंद सोनोवाल ने उडुपी में श्री धर्मस्थल मंजूनाथेश्वर कॉलेज ऑफ आयुर्वेद एंड हॉस्पिटल में “रत्नश्री- आरोग्यधाम” का शुभारम्भ किया

सर्बानंद सोनोवाल ने उडुपी में श्री धर्मस्थल मंजूनाथेश्वर कॉलेज ऑफ आयुर्वेद एंड हॉस्पिटल में “रत्नश्री- आरोग्यधाम” का शुभारम्भ किया

केंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने आज उडुपी, कर्नाटक स्थित श्री धर्मस्थल मंजूनाथेश्वर आयुर्वेद हॉस्पिटल की एक नई इकाई रत्नश्री आरोग्यधाम का उद्घाटन किया। इस अवसर पर केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शोभा करंदलाजे और कर्नाटक के समाज कल्याण तथा पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री कोटा श्रीनिवास पुजारी भी उपस्थित रहे।

इस नई इकाई में एस्थेटिक मेडिसिन यूनिट- श्रृंगार, डीलक्स वार्ड- हेल्थ कॉटेज यूनिट, ध्यान मंदिर, पंचकर्मा सेंटर और स्पेशल वार्ड शामिल है।

उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए सर्बानंद सोनोवाल ने समग्र स्वास्थ्य को प्रोत्साहन देने में आयुर्वेद की भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि उपचार की आयुष प्रणाली को अपनाकर भारतीयों के स्वास्थ्य में सुधार किया जा सकता है और इस प्रकार एक स्वस्थ भारत का निर्माण किया जा सकता है। उन्होंने आयुर्वेद की वैश्विक स्वीकार्यता के लिए इस क्षेत्र में व्यापक अनुसंधान कराने पर जोर दिया। केंद्रीय मंत्री ने हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के “आत्म निर्भर भारत” के विजन को साकार करने के लिए, इस नए शुरू हुए अस्पताल से मानव जाति की सेवा की कामना की।

इस अवसर पर, मुख्य अतिथि शोभा करंदलाजे ने शैक्षणिक संस्थान को उत्कृष्टता केंद्र बनाने में डॉ. डी. वीरेंद्र हेगड़े के विजन को रेखांकित किया। उन्होंने ग्रामीण भारत में स्व-रोजगार के विकास में रूडसेट (ग्रामीण विकास और स्व-रोजगार प्रशिक्षण संस्थान) की भूमिका के बारे में भी बात की।

एसडीएम एजुकेशन सोसायटी, उजिरे के प्रेसिडेंट डॉ. डी. वीरेंद्र हेगड़े ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में आयुर्वेद की भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने विशेष रूप से हाल की कोविड-19 जैसी महामारियों के दौरान लोगों की प्रतिरोधकता को बढ़ावा देने में आयुर्वेद की भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने आम जनता को अपनी बीमारियों के लिए पहले उपचार के रूप में आयुर्वेद को चुनने की सलाह दी औरकहा कि इस विकल्प को पूरा करने के लिए ही रत्नश्री आरोग्यधाम की स्थापना की गई है।

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