“महामारी सम्बंधी नीति हमारी स्वास्थ्य नीति का निर्णायक हिस्सा होनी चाहिये क्योंकि आज आपस में जुड़े विश्व की बहु-क्षेत्रीय प्रकृति के कारण कोई भी स्वास्थ्य संकट आर्थिक संकट बन सकता है।” केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री डॉ. भारती प्रविण पवार ने आज यहां जी-20 भारत अध्यक्षता के तहत पहली स्वास्थ्य-समूह बैठक को संबोधित करते हुये कहा। इस अवसर पर विदेश राज्यमंत्री एसवी मुरलीधरन और नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वीके पॉल भी उपस्थित थे।
डॉ. पवार ने गौर किया कि महामारी की रोकथाम, उसके लिये तैयारी और कार्रवाई के लिये विभिन्न प्रकार के अनेक सेक्टरों तथा अनेक एजेंसियों के बीच समन्वित प्रयासों की जरूरत है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि समुदायों को मजबूत और शक्तिसम्पन्न बनाया जाये, ताकि वे भावी स्वास्थ्य आपात स्थिति में समयानुकूल कार्रवाई कर सकें। उन्होंने कहा, “कोविड-19 आखिरी महामारी नहीं होगी। महामारी के सबक को हमारी तैयारी और समरूपी कार्रवाई के लिये एजेंडा में शामिल होना चाहिये। हमें अपनी क्षमताओं को विस्तार देने और यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि हम किसी भी स्वास्थ्य संकट के समय सामूहिक रूप से मुकाबला करने को तत्पर रहेंगे।”
डॉ. पवार ने हर परिस्थिति को मद्देनजर रखते हुये काम करने वाली स्वास्थ्य प्रणाली तैयार करने तथा जीवनरक्षक वैक्सीनों, उपचार और निदान में निवेश करने की जरूरत को रेखांकित किया।
भारत की चिकित्सा पद्धतियों और नवाचार की सुदृढ़ संस्कृति को रेखांकित करते हुये एसवी मुरलीधरन ने माननीय प्रधानमंत्री के आह्वान “एक धरती, एक परिवार, एक भविष्य” का हवाला देते हुये कहा कि यह हमारे ग्रह के प्रति आग्रह है कि बढ़ते हुये वैश्वीकरण की स्थिति में प्रकृति के साथ समरसता रखना ही उचित होगा।
एसवी मुरलीधरन ने प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि “जरूरत इस बात की है कि हमें अपने एजेंडे को तैयारी और तत्परता के साथ जोड़ना चाहिये, ताकि हम किसी भी स्वास्थ्य आपात स्थिति का मुकाबला प्रभावी ढंग से कर सकें।” उन्होंने कहा कि हमें भविष्य की हर स्वास्थ्य चुनौती का सामूहिक रूप से मुकाबला करने के लिये तैयार रहना होगा।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि जी-20 की अध्यक्षता के दौरान भारत का लक्ष्य है कि स्वास्थ्य सहयोग संबंधी विभिन्न बहुपक्षीय मंचों पर चर्चा में एकरूपता लाई जाये। उन्होंने जी-20 हेल्थ-ट्रैक के लिये तीन प्राथमिकताओं को दोहराया – स्वास्थ्य आपात स्थिति की रोकथाम, तैयारी और तत्परता (जिसमें वन-हेल्थ और एएमआर पर ध्यान केंद्रित हो); सुरक्षित, कारगर, बेहतर और सस्ते चिकित्सा उपाय (वैक्सीन, उपचार और निदान) के मद्देनजर फार्मा सेक्टर में सयोग को मजबूत बनाना; तथा सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवच और स्वास्थ्य सेवा आपूर्ति में सुधार संबंधी डिजिटल नवाचार एवं समाधान।
इंडोनेशिया और ब्राजील के त्रिगुट सदस्यों ने तीन स्वास्थ्य प्राथमिकताओं की स्थापना के लिये भारतीय अध्यक्षता की सराहना की। उन्होंने कहा कि महामारी से हमें यह अवसर मिला है कि हम अपनी स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूत करें। आज इस बात की जरूरत है कि हम सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवच को सुनिश्चित करने के लिये अपने प्रयासों में तेजी लायें।
इस अवसर पर स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग के सचिव डॉ. राजीव बहल, स्वास्थय और परिवार कल्याण मंत्रालय के अपर सचिव लव अग्रवाल, विदेश मंत्रालय के अपर सचिव अभय ठाकुर, जी-20 सदस्य देशों, विशेष रूप से आमंत्रित देशों, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों, मंचों तथा विश्व स्वास्थ्य संगठन, विश्व बैंक, डब्लूईएफ आदि के प्रतिनिधियों सहित केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
केंद्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल तथा श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने आज… Read More
देश के सबसे व्यस्ततम टर्मिनलों में से एक पर यात्रियों के अनुभव को उल्लेखनीय रूप… Read More
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अमेरिकी बहुराष्ट्रीय निगम क्वालकॉम के अध्यक्ष और सीईओ क्रिस्टियानो आर. अमोन… Read More
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा कोर कमेटी की बैठक पार्टी अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा… Read More
नई दिल्ली में भारत के साथ दूसरे और अंतिम क्रिकेट टेस्ट मैच के दूसरे दिन… Read More
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज नई दिल्ली में कृषि और इससे जुडे क्षेत्रों में 42… Read More
This website uses cookies.
Leave a Comment