स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने आज राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ कोविड से निपटने और राष्ट्रीय कोविड टीकाकरण में प्रगति के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य तैयारियों की समीक्षा की। यह समीक्षा बैठक कोविड के नये रूप ओमिक्रोन के बढ़ते मामलों और हाल ही में 15 से 18 वर्ष आयु वर्ग तथा वरिष्ठ नागरिकों को एहतियाती खुराक दिये जाने के फैसले के मद्देनजर आयोजित की गई थी।
डॉ. मांडविया ने कहा कि दुनिया के कई देशों में कोविड के मामलों में 3 से 4 गुना की वृद्धि देखी जा रही है। ओमिक्रोन अत्याधिक संक्रामक होने की वजह से इससे संक्रमण बहुत ज्यादा फैलने का खतरा है जिससे चिकित्सा प्रणाली पर बहुत ज्यादा दबाव आ सकता है। उन्होंने राज्यों को सुझाव दिया कि वे ऐसी स्थिति से बचने के लिए पहले से ही अपनी सभी तैयारियां पूरी कर लें।
केन्द्रीय मंत्री ने कोविड के बढते मामलों को देखते हुए रोकथाम उपायों पर नए सिरे से और कड़ाई से ध्यान देने तथा कोविड उपयुक्त व्यवहार का पालन करने की आवश्यकता पर जोर दिया। टीकाकरण अभियान के महत्व को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा, हमें 15 से 18 आयु वर्ग के टीकाकरण तथा बुजुर्गों को एहतियाती खुराक देने पर ध्यान देना चाहिए।
स्वास्थ्य मंत्री मांडविया ने सभी पात्र वयस्कों में से 90 प्रतिशत को कोविड टीके की पहली खुराक देने का लक्ष्य हासिल करने के राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने राज्यों से आग्रह किया, जिनके यहां टीकाकरण राष्ट्रीय औसत से कम है, उन्हें इसमें तेजी लानी चाहिए।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि देश में बुनियादी ढांचे के विकास और टीकों के उत्पादन में तेजी लाने के लिए केंद्र सरकार की ओर से विभिन्न उपाय किए जा रहे हैं। उन्होंने ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का ध्यान इस तथ्य की ओर दिलाया कि सामूहिक रूप से, उन्होंने आपातकालीन कोविड प्रतिक्रिया पैकेज के तहत उपलब्ध स्वीकृत धन का केवल 17 प्रतिशत से अधिक का ही उपयोग किया है।