लोकतांत्रिक परंपराओं और मान्यताओं ने देश के संविधान को मजबूत किया: पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद

लोकतांत्रिक परंपराओं और मान्यताओं ने देश के संविधान को मजबूत किया: पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद

पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा है कि लोकतांत्रिक परंपराओं और मान्यताओं ने देश के संविधान को मजबूत किया है। रामनाथ कोविंद आज बिहार में राजगीर स्थित नालंदा विश्वविद्यालय में एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम की मुख्य थीम वैशाली लोकतंत्र का उत्सव था। उन्होंने कहा कि देश में विभिन्न संस्कृतियों, भाषाओं और बोलियों का प्रचलन है और इसके संगम से देश का लोकतंत्र एक जीवंत लोकतंत्र बनता है। रामनाथ कोविंद ने कहा कि इन सभी में सौहार्द के साथ सह-अस्तित्व की भावना लोकतंत्र के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि देश में आधुनिक समय में होने वाले चुनाव लोकतंत्र में सभी की भागीदारी को सुनिश्चित करते हैं। उन्होंने 2019 के लोक सभा चुनाव का उल्लेख करते हुए कहा कि उस दौरान जंगल से लेकर रेगिस्तान तक, पहाड़ से लेकर शहरों तक लगभग दस लाख मतदान केंद्र बनाये गये थे ताकि सभी मतदाताओं की भागीदारी सुनिश्चित हो।

बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा, विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने भी समारोह को संबोधित किया। यह दो दिवसीय कार्यक्रम भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद – आई सी सी आर की ओर से आयोजित किया गया है। आई सी सी आर इस वर्ष को अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र वर्ष के रूप में मना रहा है और इसके तहत कई कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं।

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