विदेश मंत्री डॉ. सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने आज कहा है कि रूस की सेना में अब तक 91 भारतीयों नागरिकों को भर्ती किए जाने की सूचना मिली है। लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूरक प्रश्न के उत्तर में डॉ.जयशंकर ने कहा कि इनमें से 14 लोगों को छुट्टी दे दी गई और दुर्भाग्य से 8 लोगों की मृत्यु हो गई है। उन्होंने बताया कि 69 भारतीय नागरिक रूसी सेना से रिहाई का इंतजार कर रहे है। विदेश मंत्री ने कहा कि भारत ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया है।
रूस के विदेश मंत्री के साथ कई मौकों पर इस मुद्दे को उठाया गया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पिछले महीने रूस यात्रा के दौरान राष्ट्रपति पुतिन ने प्रधानमंत्री मोदी को भरोसा दिया था कि रूस की सेना में सेवाएं दे रहे भारतीय नागरिकों को कार्यमुक्त करके रिहा किया जाएगा। डॉ. जयशंकर ने कहा कि रूसी अधिकारियों का कहना है कि इन भारतीय नागरिकों ने रूसी सेना के साथ सेवा के लिए अनुबंध किया था। हालांकि उन्होंने बताया कि कई मामलों में भारतीय नागरिकों को गुमराह किया गया। विदेश मंत्री ने बताया कि इस मामले में सीबीआई ने 19 व्यक्तियों और संस्थाओं के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया है। उन्होंने कहा कि दस मानव तस्करों के खिलाफ पर्याप्त सबूत मिले हैं। जांच के दौरान चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।
दक्षिण पूर्व एशिया में साइबर धोखाधड़ी पर के लिए लोगों को गुमराह किए जाने पर डॉ. जयशंकर ने कहा कि सरकार ने इसे राजनीतिक स्तर पर सभी संबंधित सरकारों के समक्ष उठाया है। अब तक कंबोडिया से 650, म्यांमार से 450 और लाओस से 548 भारतीय नागरिकों को स्वदेश लाया गया है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर सरकार काफी सतर्क है।