राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने आज राष्ट्रपति भवन में वार्षिक सांस्कृतिक उत्सव, ‘विविधता के अमृत महोत्सव’ का उद्घाटन किया। यह उत्सव विभिन्न क्षेत्रों की अनूठी परंपराओं को प्रदर्शित करके देश की विविधता की विरासत का जश्न है। इस महोत्सव का उद्देश्य राष्ट्रपति भवन को सांस्कृतिक आदान-प्रदान का केंद्र बनाना है।
संस्कृति मंत्रालय ने कहा है कि इस संस्करण में, पांच सौ से अधिक कारीगर और बुनकर पारंपरिक हस्तशिल्प और हथकरघा का प्रदर्शन करेंगे। इसमें कांजीवरम और कसावु साड़ियाँ, पोचमपल्ली इकत, मैसूर रेशम और जटिल पीतल और लकड़ी के शिल्प शामिल हैं।
इस वर्ष यह महोत्सव दक्षिण भारत पर केंद्रित है, जिसमें लक्षद्वीप और पुद्दुचेरी के साथ-साथ पांच राज्य कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश शामिल हैं। चार सौ से अधिक कलाकार दक्षिण भारत के लोक और शास्त्रीय नृत्य तथा संगीत प्रस्तुत करेंगे। पिछले वर्ष आयोजित पहला संस्करण, पूर्वोत्तर भारत पर केंद्रित था।
यह महोत्सव 9 मार्च तक प्रातः 10 बजे से रात्रि 8 बजे तक जनता के लिए खुला रहेगा।