महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा है कि अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों के साथ किसी प्रकार के अन्याय या आरक्षण में छेड़छाड़ किए बगैर मराठा समुदाय को आरक्षण देने की भरपूर कोशिश की जा रही है। उन्होनें अपने आवास वर्षा पर हुई बैठक के बाद कल देर रात मीडिया से बातचीत के दौरान यह बात कही। उन्होनें कहा कि सरकार आरक्षण देने के प्रति वचनबद्ध है लेकिन विपक्षी पार्टियां लोगों को गुमराह कर रही है और इसे राजनीतिक मुद्दा बना रही है।
मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि दुर्भाग्यवश विपक्षी पार्टियां मतभेद बनाने के साथ मराठा समुदाय और अन्य पिछड़ा वर्ग लोगों के बीच दरार पैदा करने की कोशिश कर रही है। पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग- एसईबीसी के रूप में मराठा समुदाय के लिए 12 से 13 प्रतिशत तक आरक्षण का प्रस्ताव किया था। इस आरक्षण को उच्च न्यायालय ने भी सही ठहराया था। अन्य पिछड़ा वर्ग समुदाय के लोगों के हित इस आरक्षण से किसी भी तरह प्रभावित नहीं हो रहे थे। लेकिन सर्वोच्च न्यायालय ने इस आरक्षण को खारिज कर दिया। उन्होनें यह भी कहा कि मराठा समुदाय का मानना है कि तत्कालीन सरकार द्वारा उचित कार्यवाही नहीं करने के कारण इस मुद्दे को सही तरीके से प्रस्तुत नहीं किया गया था।
मराठा समुदाय आरक्षण लिए बगैर शांत नहीं हो सकता है। मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि मराठा समुदाय के रद्द आरक्षण को फिर से वापस लाने के लिए हर संभव कोशिश की जाएगी। सर्वोच्च न्यायालय में सुधारात्मक याचिका भी लंबित है। साथ ही समाज सामाजिक रूप से पिछड़ा है इस बात को साबित करने के लिए एक स्वतंत्र आयोग गठित किया गया है।