भारत और जापान ने हाल के वर्षों में रक्षा और सामरिक क्षेत्र में संबंध प्रगाढ़ किए: विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला

भारत और जापान ने हाल के वर्षों में रक्षा और सामरिक क्षेत्र में संबंध प्रगाढ़ किए: विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला

विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने आज कहा कि कोविड महामारी से न केवल गंभीर आर्थिक संकट उत्‍पन्‍न हुआ है बल्कि भौगोलिक-राजनीतिक स्थिति पर भी इसका दीर्घकालिक असर होगा। उन्‍होंने कहा कि रणनीतिक और आर्थिक मुद्दों पर भारत और जापान के बीच बढ़ते सहयोग में ज्‍यादा शांतिपूर्ण सुरक्षित और टिकाऊ बहुपक्षीय विश्‍व को दिशा देने की क्षमता है। भारत-जापान मंच के आरंभिक सत्र में विदेश सचिव ने कहा कि सहयोग बढ़ाने के लिए नए अवसर बने हैं क्‍योंकि भारत और जापान महामारी के असर से निपटने की दिशा में काम कर रहे हैं। 2022 में दोनों देशों के राजनयिक संबंधों की 72वीं वर्षगांठ मनाई जाएगी।

भारत और जापान ने हाल के वर्षों में रक्षा और सामरिक क्षेत्र में संबंध प्रगाढ़ किए हैं। हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि जापान एकमात्र सहयोगी देश है जिसके साथ भारत वार्षिक शिखर सम्‍मेलन तथा विदेश और रक्षा मंत्री के स्‍तर पर टू प्‍लस टू संवाद करता है। भारत और जापान के बीच रक्षा, उपकरण और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग की असीम संभावना है और इसे प्रगाढ़ करने की आवश्‍यकता है।

विदेश सचिव ने कहा कि एक्‍ट ईस्‍ट पॉलिसी पर बढ़ते सहयोग से भी भारत और जापान के संबंध प्रगाढ़ हुए हैं। भारत-जापान एक्‍ट ईस्‍ट फॉरम के तहत संपर्क और अन्‍य विकास परियोजनाएं कार्यान्वित की जा रही हैं जिनसे पूर्वोत्‍तर भारत के विकास में योगदान मिल रहा है। उन्‍होंने कहा कि भारत और जापान हिन्‍द-प्रशांत क्षेत्र और अन्‍य क्षेत्रों में साझेदारों के साथ कार्य करने के लिए अपनी क्षमता निरंतर बढ़ा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी द्वारा 2019 में आरंभ हिन्‍द-प्रशांत सागर पहल के संपर्क स्‍तंभ में अग्रणी साझेदार के रूप में जापान की भागीदारी का स्‍वागत करते हुए विदेश सचिव ने कहा कि इस पहल से दोनों देशों के रिश्‍तों को महत्‍वपूर्ण प्रोत्‍साहन मिलेगा।

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