ब्रिक्‍स विश्‍व की उभरती हुई अर्थव्‍यवस्‍थाओं के लिए एक सशक्‍त आवाज बन चुका है: प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी

ब्रिक्‍स विश्‍व की उभरती हुई अर्थव्‍यवस्‍थाओं के लिए एक सशक्‍त आवाज बन चुका है: प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज कहा कि पिछले डेढ दशक में ब्रिक्‍स ने कई उपलब्धियां हासिल की हैं और यह विश्‍व की उभरती हुई अर्थव्‍यवस्‍थाओं के लिए एक सशक्‍त आवाज बन चुका है।

वर्चुअल माध्‍यम से आयोजित ब्रिक्स के 13वें शिखर सम्मेलन की अध्‍यक्षता करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह मंच दुनिया के विकासशील देशों की प्राथमिकताओं पर ध्‍यान केन्द्रित करने के मामले में प्रभावी साबित हुआ है। उन्‍होंने कहा कि ब्रिक्‍स ने कई सशक्‍त संगठन शुरू किए हैं जिसमें न्‍यू डेवलपमेंट बैंक, आपात कोष व्‍यवस्‍था और ऊर्जा अनुसंधान प्‍लेटफॉर्म शामिल हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमें यह सुनिश्चित करना है कि ब्रिक्स अगले 15 वर्षों में और प्रभावी बने। उन्‍होंने कहा कि इस बार भारत ने ब्रिक्‍स की अपनी अध्‍यक्षता के लिए ब्रिक्स @15: निरंतरता, समेकन और आम सहमति के लिए अंतर-ब्रिक्स सहयोग का विषय चुना है। सदस्‍य देशों के बीच परस्‍पर सहयोग का यही आधार होगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हाल ही में पहला डिजिटल ब्रिक्‍स स्‍वास्‍थ्‍य सम्‍मेलन आयोजित किया गया जो प्रौद्योगिकी की मदद से स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं को बेहतर बनाने की अनूठी पहल थी। उन्‍होंने कहा कि नवम्‍बर में ब्रिक्‍स के सदस्‍य देशों के जल संसाधन मंत्री पहली बार मिलेंगे। उन्‍होंने कहा कि आतंकवाद से मुकाबला करने की एक कार्ययोजना का प्रस्‍ताव भी ब्रिक्‍स में पहली बार पारित किया गया।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दूरसंवेदी उपग्रहों के मामलों में भी सदस्‍य देशों की अंतरिक्ष एजेंसियां मिलकर काम कर रही हैं। उन्‍होंने कहा कि सदस्‍य देशों के सीमा शुल्‍क विभागों के सहयोग से परस्‍पर व्‍यापार को सुगम बनाने में भी मदद मिलेगी। उन्‍होंने कहा कि ब्रिक्‍स की अध्‍यक्षता के दौरान भारत को सभी सदस्‍य देशों से भरपूर सहयोग मिला है।

शिखर बैठक में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, चीन के राष्ट्रपति षी जिनपिंग, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा और ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो ने भी भाग लिया।

ब्रिक्‍स, ऐसे पांच बडे देशों का समूह है जो दुनिया की 41 प्रतिशत आबादी, वैश्विक सकल घरेलू उत्‍पाद के 24 प्रतिशत और विश्‍व व्‍यापार के 16 प्रतिशत हिस्‍से का प्रतिनिधित्‍व करता है।

प्रधानमंत्री, दूसरी बार ब्रिक्‍स शिखर बैठक की अध्‍यक्षता कर रहे हैं। इससे पहले उन्‍होंने 2016 में शिखर बैठक की अध्‍यक्षता की थी। इस बार की बैठक में अफगानिस्‍तान की स्थिति पर व्‍यापक चर्चा होने की संभावना है।

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