बिहार विधान परिषद ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अत्यंत पिछडी जाति तथा अन्य पिछडी जाति के लिए राज्य की सरकारी नौकरियों में आरक्षण पचास से बढाकर 65 प्रतिशत करने संबंधी संशोधन विधेयक आज सर्वसम्मति से पारित कर दिया। विपक्षी भाजपा ने भी इसका समर्थन किया।
राज्य विधानसभा ने कल इसे सर्वसम्मति से पारित किया था। यह विधेयक अब राज्यपाल को भेजा जायेगा। उनकी मंजूरी के बाद यह विधेयक अधिनियम बन जायेगा। सदन में विधेयक पेश करते हुए राज्य के संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि पिछडी जातियों को सरकारी नौकरियों में 18 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा। 25 प्रतिशत का अधिकतम आरक्षण अत्यंत पिछडी जातियों को तथा अनुसूचित जातियों को 20 प्रतिशत और अनुसूचित जनजातियों को दो प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान है।
राज्य में सामान्य वर्ग में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 10 प्रतिशत का कोटा निर्धारित है जिसे यथावत रखा गया है। इसलिए अब आरक्षण की कुल सीमा 75 प्रतिशत हो जायेगी और 25 प्रतिशत अनारक्षित वर्ग के लिए रहेगा।
राज्य विधान परिषद ने सरकारी शिक्षा संस्थानों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अत्यंत पिछडी जाति तथा अन्य पिछडी जाति के दाखिले के लिए आरक्षण बढाकर 65 प्रतिशत करने संबंधी संशोधन विधेयक को भी सर्वसम्मति से मंजूरी दे दी है।