बांग्लादेश में अवामी लीग की अध्यक्ष शेख हसीना ने आज शाम पांचवी बार देश की प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली

बांग्लादेश में अवामी लीग की अध्यक्ष शेख हसीना ने आज शाम पांचवी बार देश की प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली

बांग्लादेश में अवामी लीग की अध्यक्ष शेख हसीना ने आज शाम पांचवी बार देश की प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने ढाका के बंगभवन में प्रधान मंत्री और नए मंत्रिमंडल के सदस्यों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। प्रधानमंत्री के रूप में शेख हसीना का यह लगातार चौथा कार्यकाल होगा। 76 वर्षीय शेख हसीना बांग्लादेश की 12वीं प्रधान मंत्री हैं।

इससे पहले दोपहर में राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने 25 मंत्रियों और 11 राज्य मंत्रियों को नये मंत्रिमंडल का सदस्य नियुक्त किया। शेख हसीना ने वित्त मंत्री मुस्तफा कमाल, कृषि मंत्री अब्दुर रज्जाक, विदेश मंत्री एके अब्दुल मोमेन और वाणिज्य मंत्री टीपू मुंशी जैसे कुछ दिग्गजों सहित 30 मौजूदा कैबिनेट सदस्यों को नये मंत्रिमंडल में शामिल नही किया है।

15 अगस्त, 1975 को हुई हिंसा में शेख हसीना और उनकी छोटी बहन शेख रेहाना बच गई थी। लेकिन उनके पिता बंग बंधु शेख मुजीब और परिवार के अधिकांश सदस्यों की हत्या कर दी गई थी। घटना के समय शेख हसीना और उनकी छोटी बहन जर्मनी में थे। शेख मुजीब के परिवार की एकमात्र जीवित बची इन दोनों बहनों ने भारत में छह साल का निर्वासित जीवन बिताया।

निर्वासन में रहते हुए 34 साल की उम्र में शेख हसीना को अवामी लीग का अध्‍यक्ष चुना गया। वह 17 मई, 1981 को बांग्‍लादेश लौटीं और लोकतंत्र की बहाली के लिए सैन्य शासक जियाउर रहमान के शासन के खिलाफ अभियान शुरू किया।

शेख हसीना के नेतृत्व में अवामी लीग ने जून 1996 के संसदीय चुनावों में जीत हासिल की और शेख हसीना प्रधानमंत्री बनी।

2001 में कार्यवाहक सरकार द्वारा कराए गए चुनाव में अवामी लीग हार गई। शेख हसीना ने पूरे पांच साल के कार्यकाल के बाद संविधान के अनुसार कार्यवाहक सरकार को सत्ता सौपने के लिए शांतिपूर्वक पद छोड़ दिया। ऐसा करने वाली वे पहली नेता थी।

2008 में सैन्य समर्थित अंतरिम सरकार की देखरेख में हुए चुनाव में उन्होंने फिर से अपनी पार्टी को पूर्ण जीत दिलाई। 2009 में उन्‍होंने दूसरी बा‍र सत्ता संभाली। 2014 और 2018 के चुनावों में भी उन्‍हें जीत मिली। इस वर्ष सात जनवरी को हुए चुनाव में जीत के साथ ही वे पांचवी बार बांग्‍लादेश की प्रधानमंत्री बनी हैं।

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