प्रधानमंत्री मोदी ने तेलंगाना के संगारेड्डी में 6,800 करोड़ रुपये से अधिक लागत की कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया

प्रधानमंत्री मोदी ने तेलंगाना के संगारेड्डी में 6,800 करोड़ रुपये से अधिक लागत की कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज तेलंगाना के संगारेड्डी में 6,800 करोड़ रुपये से अधिक लागत की कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया। इन परियोजनाओं में सड़क, रेल, पेट्रोलियम, विमानन और प्राकृतिक गैस जैसे प्रमुख क्षेत्र शामिल हैं।

प्रधानमंत्री ने तीन राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। प्रधानमंत्री ने जिन दो राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन किया उनमें एनएच-161 के 40 किलोमीटर लंबे कंडी से रामसनपल्ले खंड को चार लेन बनाना शामिल है। यह परियोजना इंदौर-हैदराबाद आर्थिक गलियारे का एक हिस्सा है और यह तेलंगाना, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के बीच बाधारहित यात्रा और माल ढुलाई की सुविधा प्रदान करेगी। यह खंड हैदराबाद और नांदेड़ के बीच यात्रा के समय को लगभग 3 घंटे तक कम कर देगा। प्रधानमंत्री ने एनएच-167 के 47 किलोमीटर लंबे मिर्यालागुडा से कोडाद खंड को पेव्ड सोल्डर के साथ दो लेन में अपग्रेड करने का भी उद्घाटन किया। इससे इस क्षेत्र में बेहतर कनेक्टिविटी होगी, जिससे पर्यटन के साथ-साथ आर्थिक गतिविधियों और उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा।

इसके अलावा, प्रधानमंत्री ने एनएच-65 के 29 किलोमीटर लंबे पुणे-हैदराबाद खंड को छह लेन बनाने की आधारशिला रखी। यह परियोजना तेलंगाना के प्रमुख औद्योगिक केंद्रों जैसे पाटनचेरू के निकट पशमिलारम औद्योगिक क्षेत्र को बेहतर कनेक्टिविटी भी प्रदान करेगी।

प्रधानमंत्री ने छह नए स्टेशन भवनों के साथ-साथ सनतनगर-मौला अली रेल लाइन के दोहरीकरण और विद्युतीकरण का उद्घाटन किया। इस परियोजना के पूरे 22 किलोमीटर रूट को स्वचालित सिग्नलिंग के साथ चालू किया गया है और मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट सर्विस (एमएमटीएस) चरण – II परियोजना के हिस्से के रूप में पूरा किया गया है। इसके हिस्से के रूप में, छह नए स्टेशन भवन-फ़िरोज़गुडा, सुचित्रा सेंटर, भूदेवी नगर, अम्मुगुडा, नेरेडमेट और मौला अली हाउसिंग बोर्ड स्टेशनों पर बनाए गए हैं। दोहरीकरण और विद्युतीकरण कार्य से इस खंड पर पहली बार यात्री ट्रेनों की शुरूआत का मार्ग प्रशस्त हुआ है। इससे अन्य अत्यधिक परिपूर्ण वर्गों पर बोझ को कम करके क्षेत्र में ट्रेनों के समय-पालन और समग्र गति में सुधार करने में मदद मिलेगी।

प्रधानमंत्री ने घाटकेसर – लिंगमपल्ली वाया मौला अली – सनतनगर के बीच एमएमटीएस रेल सेवा को हरी झंडी दिखाई। यह रेल सेवा पहली बार हैदराबाद-सिकंदराबाद जुड़वां शहर क्षेत्रों में लोकप्रिय उपनगरीय ट्रेन सेवा को नए क्षेत्रों तक विस्तारित करती है। यह शहर के पूर्वी भाग में चेरलापल्ली और मौला अली जैसे नए क्षेत्रों को जुड़वां शहर क्षेत्र के पश्चिमी भाग से जोड़ता है। ट्विन सिटी क्षेत्र के पूर्वी हिस्से को पश्चिमी हिस्से से जोड़ने वाला परिवहन का यह सुरक्षित, तेज़ और किफायती तरीका यात्रियों के लिए फायदेमंद साबित होगा।

इसके अलावा, प्रधानमंत्री ने इंडियन ऑयल पारादीप-हैदराबाद उत्पाद पाइपलाइन का उद्घाटन किया। यह 4.5 एमएमटीपीए की क्षमता वाली 1212 किलोमीटर लंबी उत्पाद पाइपलाइन ओडिशा (329 किलोमीटर), आंध्र प्रदेश (723 किलोमीटर) और तेलंगाना (160 किलोमीटर) राज्यों से होकर गुजरती है। यह पाइपलाइन पारादीप रिफाइनरी से विशाखापत्तनम, अचुतापुरम, विजयवाड़ा (आंध्र प्रदेश में) और हैदराबाद के पास मलकापुर (तेलंगाना में) के डिलीवरी स्टेशनों तक पेट्रोलियम उत्पादों का सुरक्षित और किफायती परिवहन सुनिश्चित करेगी।

प्रधानमंत्री ने हैदराबाद में नागरिक उड्डयन अनुसंधान संगठन केंद्र (सीएआरओ) का उद्घाटन किया। इसे नागरिक उड्डयन क्षेत्र में अनुसंधान और विकास (आरएंडडी) गतिविधियों को उन्नत करने के लिए भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण द्वारा हैदराबाद के बेगमपेट हवाई अड्डे पर स्थापित किया गया है। इसमें स्वदेशी और नवीन समाधान प्रदान करने के लिए घरेलू और सहयोगी अनुसंधान के माध्यम से विमानन समुदाय के लिए एक वैश्विक अनुसंधान मंच प्रदान करने की परिकल्पना की गई है। 350 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से निर्मित, यह अत्याधुनिक सुविधा 5-स्टार-गृह रेटिंग और ऊर्जा संरक्षण भवन कोड (ईसीबीसी) मानदंडों का अनुपालन करती है। सीएआरओ भविष्य के अनुसंधान और विकास पहलों का समर्थन करने के लिए व्यापक प्रयोगशाला क्षमताओं के एक सेट का उपयोग करेगा। यह परिचालन विश्लेषण और प्रदर्शन माप के लिए डेटा विश्लेषण क्षमताओं का भी लाभ उठाएगा। सीएआरओ में प्राथमिक अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों में हवाई क्षेत्र और हवाई अड्डे से संबंधित सुरक्षा, क्षमता और दक्षता सुधार कार्यक्रम, प्रमुख हवाई क्षेत्र चुनौतियों का समाधान करना, प्रमुख हवाई अड्डे के बुनियादी ढांचे की चुनौतियों पर ध्यान देना और भविष्य के हवाई क्षेत्र और हवाई अड्डे की जरूरतों के लिए पहचान किए गए क्षेत्रों में प्रौद्योगिकियों और उत्पादों को विकसित करना शामिल हैं।

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