पंजाब में, जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने एक प्रायोगिक परियोजना शुरू की है जिसके अंतर्गत अमृतसर जिले के चोगावां ब्लॉक में बासमती की ऐसी खेती की गई है, जिससे कोई अवशेष उत्पन्न न हो। अवशेष-मुक्त खेती में रसायनों का न्यूनतम या बिल्कुल इस्तेमाल नहीं किया जाता है।
अमृतसर जिले के चोगावां खंड में कुल 32 हजार हेक्टेयर कृषि योग्य क्षेत्र है, जिसमें से 28 हजार सात सौ 53 हेक्टेयर धान की फसल के तहत आता है। इस पायलट प्रोजेक्ट के तहत खंड के कुल 102 गांवों में से 42 गांवों का चयन किया गया है। बासमती चावल में निर्यात की काफी संभावनाएं हैं क्योंकि इस क्षेत्र में उत्पादित अधिकांश बासमती अरब, यूरोपीय और मध्य-पूर्वी क्षेत्र सहित 60 से अधिक देशों में निर्यात किया जा रहा है। अकेले अमृतसर जिले ने पिछले वर्ष लगभग 9 हजार करोड़ रुपये का बासमती चावल निर्यात किया है। कृषि विभाग द्वारा घर-घर कराए गए एक सर्वेक्षण के बाद तीन हजार छह सौ से अधिक किसानों को इस प्रोजेक्ट के लिए सूचीबद्ध किया गया है।