लाखों भारतीय प्रतिदिन रेलवे स्टेशनों से यात्रा करते हैं। भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) की ‘ईट राइट स्टेशन’ पहल इन भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर संरक्षित व स्वस्थ भोजन उपलब्ध कराने में तेजी से प्रगति कर रही है। अब तक देश भर में 150 रेलवे स्टेशनों को ‘ईट राइट स्टेशन’ के रूप में प्रमाणित किया गया है। यह ईट राइट इंडिया आंदोलन की प्रगति में एक महत्वपूर्ण पड़ाव है, जो देश के विशाल रेलवे नेटवर्क से यात्रा करने वाले लाखों यात्रियों के लिए संरक्षित, स्वच्छ और पौष्टिक भोजन विकल्प सुनिश्चित करता है।
‘ईट राइट स्टेशन’ प्रमाणन प्रक्रिया में खाद्य विक्रेताओं का कड़ाई से ऑडिट किया जाता है, खाद्य संचालकों को प्रशिक्षित किया जाता है, साफ-सफाई व स्वच्छता प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन किया जाता है और यात्रियों को मन-पसंद भोजन का विकल्प चुनने के लिए जागरूक किया जाता है। इन कड़े मानदंडों को पूरा करने वाले स्टेशनों को ‘ईट राइट स्टेशन’ प्रमाणन से सम्मानित किया जाता है।
कुछ प्रमुख स्टेशन जिन्हें ‘ईट राइट स्टेशन’ के रूप में प्रमाणित किया गया है, जिनमें नई दिल्ली, वाराणसी, कोलकाता, उज्जैन, अयोध्या कैंट, हैदराबाद, चंडीगढ़, कोझिकोड, गुवाहाटी, विशाखापत्तनम, भुवनेश्वर, वडोदरा, मैसूर सिटी, भोपाल, इगतपुरी, दिल्ली का आनंद विहार टर्मिनल तथा चेन्नई का पुरट्चि तलैवर डॉ एम.जी. रामचंद्रन सेंटल रेलवे सहित विभिन्न राज्यों के कई स्टेशन शामिल हैं।
इस पहल से न केवल यात्रियों को लाभ होगा, बल्कि रेलवे स्टेशनों पर खाद्य विक्रेताओं को भी सशक्त बनाया जाएगा। खाद्य संरक्षा और स्वच्छता मानकों का पालन करके, वे विश्वसनीयता हासिल करते हैं और अधिक ग्राहकों को आकर्षित करते हैं, जिससे अंततः उनकी आजीविका को बढ़ावा मिलता है।
देश भर के छह अग्रणी मेट्रो स्टेशन भी इस प्रयास में शामिल हो गए हैं और उन्हें ‘ईट राइट स्टेशन’ के रूप में मान्यता दी गई है। इनमें नोएडा सेक्टर 51, एस्प्लेनेड (कोलकाता), आईआईटी कानपुर, बॉटनिकल गार्डन (नोएडा) और नोएडा इलेक्ट्रॉनिक सिटी मेट्रो स्टेशन हैं।
फसाई ‘ईट राइट स्टेशन’ कार्यक्रम को और विस्तारित करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसका उद्देश्य सभी प्रमुख रेलवे स्टेशनों और मेट्रो स्टेशनों को शामिल करना है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हर यात्री, अपने गंतव्य की चिंता किए बिना, अपनी यात्रा के दौरान संरक्षित और स्वस्थ भोजन विकल्पों का आनंद ले सके। यह राष्ट्रव्यापी प्रयास स्वस्थ भारत में महत्वपूर्ण योगदान का पर्याय है।