तापमान संबंधी 1.5 डिग्री सेल्सियस लक्ष्य सीमा 2028 तक पार होने की आशंका: विश्व मौसम विज्ञान संगठन

तापमान संबंधी 1.5 डिग्री सेल्सियस लक्ष्य सीमा 2028 तक पार होने की आशंका: विश्व मौसम विज्ञान संगठन

विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) ने बुधवार को कहा कि 80 प्रतिशत संभावना है कि अगले पांच वर्षों में से एक वर्ष औद्योगिक युग की शुरुआत की तुलना में कम से कम 1.5 डिग्री सेल्सियस अधिक गर्म होगा। इसने यह भी कहा कि 86 प्रतिशत आशंका है कि इनमें से कम से कम एक वर्ष वर्तमान के सबसे गर्म साल 2023 को पछाड़कर एक नया तापमान रिकॉर्ड बनाएगा।

WMO के अनुसार, इस बात की 47 फीसदी आशंका है कि पूरे पांच साल 2024-2028 की अवधि में वैश्विक तापमान का औसत पूर्व-औद्योगिक युग से 1.5 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो जाएगा। पिछले साल की रिपोर्ट में कहा गया था कि 2023-2027 की अवधि के दौरान ऐसा होने की संभावना है। डब्ल्यूएमओ ने कहा कि 2024 और 2028 के बीच प्रत्येक वर्ष के लिए वैश्विक औसत सतह तापमान 1850-1900 आधार रेखा से 1.1 डिग्री सेल्सियस और 1.9 डिग्री सेल्सियस तक अधिक होने का अनुमान है। साल 2015 में देशों ने सूखा, अत्यधिक बारिश, बाढ़, समुद्र के स्तर में वृद्धि, चक्रवात, गर्मी की लहरों जैसे जलवायु प्रभावों को और खराब होने से रोकने के लिए वैश्विक औसत तापमान वृद्धि को दो डिग्री सेल्सियस से नीचे और ‘अधिमानतः’ 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने पर सहमति व्यक्त की थी।

May 2024 was the hottest May in history, marking 12 straight months of hottest months ever.

Our planet is telling us something, but we don’t seem to be listening.

It’s time to mobilise, act & deliver.

It’s #ClimateAction crunch time. pic.twitter.com/7IIy5mJaxg

— António Guterres (@antonioguterres) June 5, 2024

इस बीच, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने बुधवार को ग्लोबल वार्मिंग के खिलाफ लड़ाई में मदद करने के लिए जीवाश्म ईंधन कंपनियों के मुनाफे पर “अप्रत्याशित” कर लगाने का आह्वान किया और उन्हें “जलवायु अराजकता का गॉडफादर” करार दिया। विश्व पर्यावरण दिवस पर अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि कार्बन डाइऑक्साइड के वैश्विक उत्सर्जन में 1.5 डिग्री के लक्ष्य के लिए 2030 तक हर साल नौ प्रतिशत की गिरावट होनी चाहिए।

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