केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार); प्रधानमन्त्री कार्यालय (पीएमओ), कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा विभाग और अंतरिक्ष विभाग राज्य मंत्री और वैज्ञानिक वौज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) के उपाध्यक्ष डॉ. जितेंद्र सिंह ने युवा प्रतिभाओं के दोहन पर बल दिया है।
केंद्रीय मंत्री आज वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद -भारतीय समवेत औषध संस्थान (सीएसआईआर-इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंटीग्रेटिव मेडिसिन-आईआईआईएम) द्वारा आयोजित “बाल विज्ञान महोत्सव” का उद्घाटन करने के बाद बोल रहे थे।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस अवसर पर लगाई गई प्रदर्शनी में लगे स्टालों का भी दौरा किया और छात्रों द्वारा तैयार किए गए विभिन्न प्रकार के विज्ञान मॉडल देखे। जम्मू क्षेत्र के स्कूलों से आए छात्रों ने स्वास्थ्य और कल्याण, जल संरक्षण, अपशिष्ट प्रबंधन और धरती माता को बचाएं जैसे विषयों के अंतर्गत नारे भी लिखे हैं।
स्कूली छात्रों को संबोधित करते हुए, डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि कैसे जिज्ञासा कार्यक्रम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नए भारत के दृष्टिकोण और वैज्ञानिक समुदाय और संस्थानों की वैज्ञानिक सामाजिक जिम्मेदारी (साइंटिफिक सोशल रिस्पोंसिबिलिटी-एसएसआर) से प्रेरित है। जिज्ञासा केंद्रीय विद्यालय संगठन (केवीएस) के सहयोग से वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) द्वारा कार्यान्वित एक छात्र-वैज्ञानिक परस्पर सम्पर्क (कनेक्ट) कार्यक्रम है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने स्कूलों और कॉलेजों के छात्रों के लिए ऐसी आउटरीच गतिविधियों के आयोजन के लिए सीएसआईआर-आईआईआईएम के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस तरह की गतिविधियां वैज्ञानिक योग्यता बढ़ाने में सहायता करने के साथ ही युवाओं में नवाचार और उद्यमिता की भावना भी पैदा करती हैं। उन्होंने बाल विज्ञान महोत्सव के दौरान आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कार भी वितरित किये।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि सीएसआईआर जिज्ञासा कार्यक्रम के अंतर्गत बच्चों के लिए भारत की पहली आभासी विज्ञान प्रयोगशाला वर्चुअल साइंस लैब शुरू (लॉन्च) की गई, जिसने देश भर के वैज्ञानिकों के साथ छात्रों और वैज्ञानिकों के बीच एक मजबूत जुड़ाव बनाया। उन्होंने यह भी कहा, वर्चुअल लैब की स्थापना का मुख्य उद्देश्य ऑनलाइन परस्पर सम्पर्क (इंटरैक्टिव) माध्यम के आधार पर स्कूली छात्रों के लिए गुणवत्तापूर्ण अनुसंधान प्रदर्शन और नवीन शिक्षण प्रदान करना था। उन्होंने आगे कहा कि नई सुविधा से केंद्रीय विद्यालयों, नवोदय विद्यालयों और विभिन्न राज्य बोर्डों के सरकारी स्कूलों के छात्रों को बहुत लाभ होगा और उन्हें युवा अवस्था में ही पहचाना जा सकेगा।
आज बाल विज्ञान महोत्सव में, जम्मू- कश्मीर सरकार के अधीन लगभग 55 स्कूलों, केंद्रीय विद्यालयों, नवोदय विद्यालयों, आर्मी पब्लिक स्कूलों, भारतीय विद्या मंदिर स्कूलों के साथ ही जम्मू क्षेत्र के विभिन्न जिलों के 350 से अधिक छात्रों ने विज्ञान मॉडल (विषय-वस्तु: स्वास्थ्य और कल्याण; जल संरक्षण; अपशिष्ट प्रबंधन; धरती माता को बचाएं), विज्ञान/समसामयिक प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता जैसी विभिन्न प्रतियोगिताओं में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। सेवा भारती के छात्र, एक गैर सरकारी संगठन जो समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के बच्चों को निशुल्क शिक्षा और व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करता है। इन छात्रों ने ‘अपशिष्ट से संपदा (वेस्ट टू वेल्थ)’ विषय के अंतर्गत विकसित विभिन्न उत्पादों का प्रदर्शन किया।
इससे पहले, वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद-भारतीय समवेत औषध संस्थान (सीएसआईआर- इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंटीग्रेटिव मेडिसिन -आईआईआईएम), जम्मू के निदेशक डॉ. ज़बीर अहमद ने अपने स्वागत भाषण में इस आयोजन का विवरण दिया और कहा कि बाल विज्ञान महोत्सव का मुख्य उद्देश्य युवाओं के मन में वैज्ञानिक भावना को प्रज्ज्वलित करना है। उन्होंने उपस्थित श्रोताओं को बताया कि सीएसआईआर-आईआईआईएम, जम्मू, आउटरीच गतिविधियों के रूप में और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के स्टार्ट-अप इकोसिस्टम का समर्थन और पोषण करने के लिए नियमित रूप से विभिन्न युवा सम्मेलन और स्टार्ट-अप्स प्रदर्शनियों (एक्सपो) का आयोजन करता रहा है। डॉ. ज़बीर ने यह भी बताया कि स्टार्ट-अप्स को सहायता देने और प्रोत्साहित करने के लिए सीएसआईआर-आईआईआईएम के पास तीन ऊष्मायन केंद्र (इन्क्यूबेशन सेंटर्स)- टेक्नोलॉजी बिजनेस इनक्यूबेटर (टीबीआई), बायोनेस्ट इनक्यूबेटर और अटल इनक्यूबेशन सेंटर (एआईसी) हैं।
समारोह में उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों में शासकीय मेडिकल कॉलेज, जम्मू के प्राचार्य डॉ. आशुतोष गुप्ता, जम्मू केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर संजीव जैन, निदेशक स्कूल शिक्षा, जम्मू अशोक कुमार शर्मा, जम्मू-कश्मीर प्रशासनिक सेवा (जेकेएएस), उपायुक्त, केवी संगठन, जम्मू नागेंद्र गोयल प्रमुख थे। सभागार में मुख्य कार्यक्रम का संचालन रजनी कुमारी ने किया जबकि ईआर. अब्दुल रहीम, मुख्य वैज्ञानिक एवं प्रमुख श्रीनगर शाखा ने औपचारिक धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया।
यह कार्यक्रम डॉ. ज़बीर अहमद, निदेशक सीएसआईआर- आईआईआईएम, जम्मू के मुख्य संरक्षण और डॉ. आशा चौबे, वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक और नोडल अधिकारी जिज्ञासा कार्यक्रम, सीएसआईआर- आईआईआईएम के समन्वयन में आयोजित किया गया था। डॉ. शशांक सिंह, डॉ. धीरज व्यास, डॉ. तस्दुक अब्दुल्ला, डॉ. सुमित जी गांधी (वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक), डॉ. दीपिका सिंह और सौरभ सरन (प्रधान वैज्ञानिक), विक्रम सिंह (सीनियर सीओए), राजेश गुप्ता, प्रशासनिक अधिकारी और दिलीप गहलोत, स्टोर एवं खरीद अधिकारी आयोजन समिति के अन्य सदस्यों में थे।