केंदीय जल शक्ति मंत्रालय और ऑस्ट्रेलिया सरकार जलवायु परिवर्तन, ऊर्जा और जल विभाग के बीच जल सहयोग पर 6वीं भारत-ऑस्ट्रेलिया संयुक्त कार्य समूह की बैठक 8 नवंबर, 2023 को आयोजित की गई। जल क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने और और प्रस्तावित गतिविधियों के संबंध में भविष्य का मार्ग तैयार करने पर दोनों सरकारों के प्रतिनिधियों के बीच सफल बैठक चर्चा हुई। भारतीय पक्ष का नेतृत्व जल शक्ति मंत्रालय के जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग के संयुक्त सचिव (आरडी एंड पीपी) आनंद मोहन ने किया, जबकि ऑस्ट्रेलियाई पक्ष का नेतृत्व ऑस्ट्रेलिया के जलवायु परिवर्तन, ऊर्जा, पर्यावरण और जल विभाग (डीसीसीईईडब्ल्यू) के जल नीति प्रभाग के प्रमुख मैथ्यू डैड्सवेल ने किया।
दोनों सह-अध्यक्षों ने उद्घाटन भाषण में जल क्षेत्र में भारत-ऑस्ट्रेलिया सहयोग के समृद्ध इतिहास पर बातचीत की और इस क्षेत्र में चुनौतियों का समाधान करने के उद्देश्य से विभिन्न तकनीकी और नीतिगत गतिविधियों में सक्रिय भागीदारी के माध्यम से सहयोग को आगे बढ़ाने पर भी जोर दिया गया। इसके अतिरिक्त भारत और ऑस्ट्रेलिया दोनों पक्षों ने जल क्षेत्र की चुनौतियों का सामना करने के लिए संस्थागत क्षमता निर्माण के वास्ते तकनीकी आदान-प्रदान और प्रदर्शनीय परियोजनाओं के निष्पादन सहित कार्यान्वयन योजना की प्रगति पर संतोष व्यक्त किया।
विभिन्न चल रही गतिविधियों (टियर -1) और प्रस्तावित गतिविधियों (टियर -2) पर प्रस्तुतियां दी गईं। जिसमें राष्ट्रीय जल सूचना केंद्र के साथ माईवेल ऐप का एकीकरण, ऑस्ट्रेलिया-भारत जल सुरक्षा पहल (एवाईएएसआई), भारत युवा जल व्यवसायिक कार्यक्रम, अभ्यास और अनुप्रयोग में जल लेखांकन, बेसिन योजना सह-डिजाइन कार्यशाला, एक्वावॉच ऑस्ट्रेलिया, ग्राम भूजल सहकारी समितियां और अंतर्देशीय लवणता का उपचार शामिल है। प्रस्तुतियों और चर्चाओं के आधार पर, टियर -1, टियर -2 और टियर -3 गतिविधियों के लिए 2024-25 के वास्ते भारत-ऑस्ट्रेलिया कार्य योजना को अंतिम रूप दिया गया। इस पर दोनों पक्षों ने सहमति व्यक्त की। बैठक का समापन भारत और ऑस्ट्रेलिया के अध्यक्षों के भाषण के साथ हुआ।
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 10 नवम्बर, 2009 को एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए थे और 5 सितम्बर, 2014 को इसका नवीकरण किया गया था। इसके बाद, जल संसाधन प्रबंधन के क्षेत्र में सहयोग के लिए 20 मई, 2020 को भारत सरकार और ऑस्ट्रेलिया सरकार के बीच पांच साल की अवधि के लिए एक नए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।