कर्नाटक सरकार ने विरोध के बाद निजी क्षेत्र में स्‍थानीय लोगों के लिए नौकरी में आरक्षण संबंधी मसौदा विधेयक को फिलहाल रोकने का फैसला किया

कर्नाटक सरकार ने विरोध के बाद निजी क्षेत्र में स्‍थानीय लोगों के लिए नौकरी में आरक्षण संबंधी मसौदा विधेयक को फिलहाल रोकने का फैसला किया

कर्नाटक सरकार ने उद्योग जगत और विशेषज्ञों के विरोध के बाद निजी क्षेत्र में स्‍थानीय लोगों के लिए नौकरी में आरक्षण संबंधी मसौदा विधेयक को फिलहाल रोकने का फैसला किया है। उद्योगों, फैक्ट्रियों और अन्‍य संस्‍थाओं में स्‍थानीय उम्‍मीदवार संबंधी कर्नाटक राज्‍य रोजगार विधेयक-2024 को पिछले सोमवार को मंत्रिमंडल की बैठक में पारित कर दिया गया था।

निजी व्‍यापार क्षेत्र से आपत्ति दर्ज होने के बाद कर्नाटक राज्‍य सरकार ने कन्‍नड़ी गाज को निजी क्षेत्रों में आरक्षण देने वाले बिल को विथहोल्‍ड कर दिया है। कई दिग्‍गज उद्यमी जैसे किरण मजूमदार शॉ और मोहनदास पई द्वारा इस बिल पर आपत्ति‍ जताई गई थी। आईटी इंडस्‍ट्रीज़ का संगठन नैसकॉम ने चेतावनी दी थी कि इस बिल द्वारा राज्‍य के विकास पर असर पड़ेगा और टेक्‍नोलॉजी क्षेत्र की बढत पर असर पडे़गा। एफ.के.सी.सी.आई. संगठन द्वारा मुख्‍यमंत्री को विनती की गई थी कि बिल पर पुनर्विचार हो और एक मीटिंग बुलाई जाए। इस सभी प्रतिक्रिया के बाद सरकार ने निर्णय लिया है कि विचार-विमर्श के बाद ही बिल पर कार्यवाही होगी।

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