आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए), जिसमें केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और केन्द्रीय इस्पात मंत्री एच. डी. कुमारस्वामी शामिल हैं, द्वारा अधिकृत वैकल्पिक तंत्र ने प्रबंधन नियंत्रण के हस्तांतरण के साथ फेरो स्क्रैप निगम लिमिटेड (एफएसएनएल) में एमएसटीसी लिमिटेड की शत-प्रतिशत इक्विटी शेयरधारिता की बिक्री के लिए मेसर्स कोनोइक ट्रांसपोर्ट कंपनी लिमिटेड की 320 करोड़ रुपये (तीन सौ बीस करोड़ रुपये मात्र) की उच्चतम बोली को मंजूरी दे दी है।
एफएसएनएल इस्पात मंत्रालय (एमओएस) के तहत एमएसटीसी लिमिटेड की शत-प्रतिशत सहायक कंपनी है, जिसे स्टील मिल सेवाएं प्रदान करने के लिए 28.03.1979 को निगमित किया गया था। एफएसएनएल विभिन्न इस्पात संयंत्रों में लोहा और इस्पात बनाने के दौरान उत्पन्न धातुमल (स्लैग) और रिफ्यूज से स्क्रैप की रिकवरी एवं प्रोसेसिंग में माहिर है।
सीसीईए ने अक्टूबर, 2016 में दो चरणों वाली नीलामी प्रक्रिया के माध्यम से चिन्हित किए जाने वाले एक रणनीतिक खरीदार को फेरो स्क्रैप निगम लिमिटेड (एफएसएनएल) में एमएसटीसी लिमिटेड की संपूर्ण इक्विटी शेयरधारिता के रणनीतिक विनिवेश को ‘सैद्धांतिक’ मंजूरी दे दी थी।
प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के बाद, लेनदेन के लिए पेशेवर सलाहकार (लेन-देन सलाहकार, कानूनी सलाहकार, परिसंपत्ति मूल्यांकनकर्ता) नियुक्त किए गए थे। संभावित बोलीदाताओं से रुचि की अभिव्यक्ति (ईओआई) आमंत्रित करने वाला प्रारंभिक सूचना ज्ञापन (पीआईएम) 31.03.2022 को जारी किया गया था, जिसमें जमा करने की अंतिम तिथि 05.05.2022 थी, जिसे बाद में 17.06.2022 तक बढ़ा दिया गया था। उपरोक्त ईओआई के जवाब में, छह इच्छुक बोलीदाताओं (आईबी) ने अपनी रुचि व्यक्त की, जिनमें से पांच बोलीदाताओं को योग्य बोलीदाताओं के रूप में चुना गया। शॉर्टलिस्टिंग के बाद, योग्य इच्छुक बोलीदाताओं (क्यूआईबी) ने कंपनी से संबंधित उचित प्रक्रियाएं पूरी की। इसके अलावा, सुरक्षा मंजूरी मांगने वाले चार क्यूआईबी के संबंध में गृह मंत्रालय से सुरक्षा मंजूरी प्राप्त की गई थी। नियम और शर्तों वाले शेयर खरीद समझौते (एसपीए) के साथ प्रस्ताव के लिए अनुरोध (आरएफपी) 02.01.2024 को वित्तीय बोलियां आमंत्रित करते हुए जारी किया गया था। 31.01.2024 की नियत तारीख तक आरएफपी के जवाब में क्यूआईबी से दो सीलबंद वित्तीय बोलियां प्राप्त हुईं।
मौजूदा प्रक्रिया के अनुसार, सीलबंद वित्तीय बोली की प्राप्ति के बाद, लेनदेन के लिए आरक्षित मूल्य (रिजर्व प्राइस) स्वतंत्र रूप से विशेषज्ञों (लेन-देन सलाहकार और परिसंपत्ति मूल्यांकनकर्ता) द्वारा किए गए मूल्यांकन के आधार पर 262 करोड़ रुपये निर्धारित किया गया था। इसके बाद बोलीदाताओं के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में तकनीकी रूप से योग्य दो वित्तीय बोलियां खोली गईं। मेसर्स कोनोइक ट्रांसपोर्ट कंपनी लिमिटेड द्वारा प्रस्तुत 320 करोड़ रुपये (तीन सौ बीस करोड़ रुपये मात्र) की बोली, दोनों बोलियों में से सबसे अधिक थी और आरक्षित मूल्य से भी ऊपर थी। दूसरी बोली मेसर्स इंडिक जियो रिसोर्सेज प्रा. लिमिटेड (चंदन स्टील लिमिटेड की सहायक कंपनी) की थी।
कोनोइक ट्रांसपोर्ट कंपनी लिमिटेड टोक्यो स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध एक बहुआयामी जापानी निगम है। कोनोइक का स्टील डिवीजन इस कंपनी का एक लंबे समय से स्थापित खंड है, जिसके पास स्टीलवर्क से जुड़े कामकाज में 140 से अधिक वर्षों का अनुभव है। यह प्रभाग कच्चे माल की स्वीकृति से लेकर मैन्यूफैक्चरिंग प्रक्रियाओं, स्लैग उपचार, स्क्रैप प्रसंस्करण, परीक्षण, पैकेजिंग और स्टील उत्पादों की डिलीवरी, ग्राहकों के संचालन का समर्थन करने तक की व्यापक सेवाएं प्रदान करता है। यह प्रभाग परफेक्ट रीसाइक्लिंग प्रणाली जैसी रीसाइक्लिंग परियोजनाओं में भी संलग्न है, जो द्वितीयक अपशिष्ट उत्पन्न किए बिना औद्योगिक कचरे की रीसाइक्लिंग करता है।
इंडिक जियो रिसोर्सेज प्राइवेट लिमिटेड, चंदन स्टील लिमिटेड की एक सहायक कंपनी है, जिसे 31 अक्टूबर 2014 को स्लैग से लौह स्क्रैप के प्रोसेसिंग और स्टील संयंत्रों में स्लैग के प्रोसेसिंग से जुड़ी सेवाएं प्रदान करने के लिए निगमित किया गया था। इसने प्रस्तावित लेनदेन में भाग लेने के लिए अपनी मूल कंपनी की वित्तीय शक्ति पर भरोसा किया था और मूल कंपनी ने वित्तीय मानदंडों को पूरा किया था।
इस रणनीतिक विनिवेश संबंधी लेनदेन को दो चरणों वाली खुली, प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के माध्यम से कार्यान्वित किया गया था, जो एक बहुस्तरीय परामर्शी निर्णय लेने वाले तंत्र द्वारा समर्थित थी। इस तंत्र में अंतर-मंत्रालयी समूह, विनिवेश से संबंधित सचिवों का कोर समूह और अधिकृत वैकल्पिक तंत्र शामिल था।
यह लेन-देन अब समापन चरण में चला गया है। इसके अगले कदमों में आवंटन पत्र (लेटर ऑफ अवार्ड) जारी करना, शेयर खरीद समझौते (एसपीए) पर हस्ताक्षर करना, संबंधित पक्षों द्वारा एसपीए में निर्दिष्ट पूर्ववर्ती शर्तों को पूरा करना और लेनदेन को बंद करना शामिल है।