विनिधानकर्ता शिक्षा और संरक्षण निधि प्राधिकरण (आईईपीएफए) ने राष्ट्रीय अनुप्रयुक्त आर्थिक अनुसंधान परिषद (एनसीएईआर) और परदादा परदादी एजुकेशनल सोसाइटी (पीपीईएस) के सहयोग से वित्तीय साक्षरता और निवेशक जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए कल उत्तर प्रदेश के अनूपशहर स्थित पीपीईएस परिसर में वार्षिक हाफ मैराथन “निवेशक मशाल” का आयोजन किया।
मैराथन में 45 से अधिक स्कूलों के छात्रों और स्थानीय समुदाय के सदस्यों सहित 4,500 से अधिक व्यक्तियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
आईईपीएफए की सीईओ और एमसीए की संयुक्त सचिव अनीता शाह अकेला द्वारा हरी झंडी दिखाकर शुरू किए गए इस कार्यक्रम में हाफ मैराथन, 10 किमी और 5 किमी की कई दौड़ श्रेणियां शामिल थीं – जो वित्तीय शिक्षा का संदेश फैलाने में जीवन के सभी क्षेत्रों के लोगों को एकजुट होने के लिए एक समावेशी मंच प्रदान करती हैं। यह पहल नवीन तरीकों के माध्यम से विविध समुदायों तक पहुंचने और वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा देने तथा पूरे भारत में जानकारी आधारित वित्तीय निर्णय लेने की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए आईईपीएफए की प्रतिबद्धता को उजागर करती है।
मैराथन के साथ, आईईपीएफए ने 7 सितंबर, 2024 को परदादा परदादी एजुकेशन सोसाइटी परिसर में ‘निवेशक जागरूकता और संरक्षण को बढ़ावा देने में वित्तीय शिक्षा की भूमिका’ पर एक निवेशक शिक्षा और संरक्षण सम्मेलन का भी आयोजन किया।
एनसीएईआर में आईईपीएफ चेयर प्रोफेसर डॉ. सीएस महापात्र द्वारा संचालित सम्मेलन के प्रमुख वक्ताओं में आईईपीएफ की उप महाप्रबंधक समीक्षा लांबा; सहायक महाप्रबंधक, एसबीआई आर.पी. सिंह; वर्मा तुषार एंड कंपनी के सीए तुषार वर्मा; जेपी विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर डॉ. राहुल कुमार और चार्टर्ड वित्तीय विश्लेषक और जेपी विश्वविद्यालय के उप रजिस्ट्रार पारस गौड़ शामिल थे।
सम्मेलन के दौरान चर्चा ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में वित्तीय शिक्षा के महत्व, सेवा से वंचित आबादी तक पहुंचने की चुनौतियां और देश भर में वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा देने की रणनीतियों पर केंद्रित रही। सम्मेलन में जानकारी आधारित और सुरक्षित निवेशक आधार बनाने में वित्तीय साक्षरता की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया गया, जो अंततः निवेशक सुरक्षा और आर्थिक सशक्तिकरण में योगदान देती है।
आईईपीएफ के 8वें स्थापना दिवस समारोह के हिस्से के रूप में आयोजित यह पहल, वित्तीय साक्षरता फैलाने और समाज के हर स्तर पर निवेशक जागरूकता सुनिश्चित करने के लिए आईईपीएफ की अटूट प्रतिबद्धता का उदाहरण देती है।