रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और भारतीय नौसेना ने वर्टिकल लॉन्च शॉर्ट रेंज सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (वीएलएसआरएसएएम) के एक के बाद एक सफल उड़ान परीक्षण किए हैं। लगातार दूसरा परीक्षण 13 सितंबर, 2024 को ओडिशा के चांदीपुर के एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) से किया गया।
मिसाइल ने बहुत कम ऊंचाई पर उड़ान भरते हुए और समुद्र में खतरे का अनुकरण करते हुए एक उच्च गति वाले हवाई लक्ष्य को रोक दिया, जिससे लक्ष्यों को बेअसर करने की इसकी सटीकता और क्षमता का प्रदर्शन हुआ। यह परीक्षण 12 सितंबर, 2024 को हुए पहले परीक्षण के बाद किया गया है। पहले परीक्षण में वीएलएसआरएसएएम मिसाइल ने कम ऊंचाई वाले एक अन्य लक्ष्य को प्रभावी ढंग से निशाना बनाया था। ये लगातार परीक्षण न केवल हथियार प्रणाली की विश्वसनीयता को प्रदर्शित करते हैं, बल्कि प्रणाली के विभिन्न घटकों में किए गए हालिया उन्नयन को भी मान्य करते हैं।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सफल उड़ान परीक्षणों के लिए डीआरडीओ, भारतीय नौसेना एवं सभी संबद्ध टीमों की सराहना की और कहा कि आधुनिक प्रौद्योगिकियों से लैस यह मिसाइल सशस्त्र बलों की तकनीकी क्षमता को और अधिक संवर्द्धित करेगी।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव तथा डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत ने भी वीएलएसआरएसएएम प्रणाली के उड़ान परीक्षणों में शामिल टीमों को बधाई दी।