केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर अत्याधुनिक यात्री सुविधा केंद्र का निरीक्षण किया, जिसे लगभग 7,000 यात्रियों के लिए बनाया गया है

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर अत्याधुनिक यात्री सुविधा केंद्र का निरीक्षण किया, जिसे लगभग 7,000 यात्रियों के लिए बनाया गया है

देश के सबसे व्यस्ततम टर्मिनलों में से एक पर यात्रियों के अनुभव को उल्लेखनीय रूप से बेहतर बनाने के लिए, केंद्रीय रेल, सूचना एवं प्रसारण, तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आज नई दिल्ली रेलवे स्टेशन (एनडीएलएस) पर नवनिर्मित यात्री सुविधा केंद्र (स्थायी होल्डिंग एरिया) का निरीक्षण किया। यह केंद्र लगभग 7,000 यात्रियों की क्षमता के अनुरूप डिज़ाइन किया गया है, जिससे बोर्डिंग से पहले सुविधा और आवागमन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

अश्विनी वैष्णव ने कहा, “नए विकसित अत्याधुनिक यात्री सुविधा केंद्र त्योहारों के मौसम में यात्रियों को सुविधा प्रदान करेंगे क्योंकि इस समय यात्रियों की संख्या में वृद्धि होती है। इस प्रकार के यात्री सुविधा केंद्र देश के अन्य स्टेशनों पर भी बनाए जाएंगे।”

नए यात्री सुविधा केंद्र को यात्रियों की आवाजाही को सुगम बनाने के लिए रणनीतिक रूप से तीन क्षेत्रों में विभाजित किया गया है: 2,860 वर्ग मीटर में फैला एक टिकटिंग क्षेत्र, 1,150 वर्ग मीटर में फैला एक टिकटिंग के बाद का क्षेत्र और 1,218 वर्ग मीटर में फैला एक टिकटिंग से पहले का क्षेत्र। यह स्थान संबंधी विभाजन टर्मिनल के मुख्य प्रवेश द्वार पर भीड़ को कम करने और यात्रियों की सुविधा बढ़ाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

उत्तर रेलवे ने यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए केंद्र को व्यापक, आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित किया है।

प्रमुख विशेषताऐं:

टिकटिंग: 22 आधुनिक टिकट काउंटर और 25 स्वचालित टिकट वेंडिंग मशीनें (एटीवीएम)।

क्षमता एवं आराम: 200 यात्रियों के बैठने की क्षमता और शीतलता के लिए 18 उच्च मात्रा निम्न गति (एचवीएलएस) पंखे।

स्वच्छता एवं जल: 652 वर्ग मीटर में निर्मित एक समर्पित शौचालय ब्लॉक, साथ ही आरओ आधारित पेयजल।

सूचना एवं सुरक्षा: 24 स्पीकरों के साथ एक यात्री घोषणा प्रणाली, तीन एलईडी इलेक्ट्रॉनिक ट्रेन सूचना डिस्प्ले, और आधुनिक अग्निशमन प्रणाली की 7 इकाइयां।

सुरक्षा: 18 सीसीटीवी कैमरे, 5 सामान स्कैनर और 5 डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर (डीएफएमडी) सहित अत्याधुनिक सुरक्षा उपाय।

उत्तर रेलवे ने निर्माण के दौरान कई जटिल चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना किया, जिनमें एटीएम, दिल्ली पुलिस केबिन और होर्डिंग बोर्ड जैसी मौजूदा संरचनाओं को आवश्यक रूप से खत्‍म करना और स्थान परिवर्तन करना शामिल था। इसके अलावा, पानी की लाइनों, जल निकासी प्रणालियों और ओएफसी केबलों जैसी आवश्यक उपयोगिताओं का संवेदनशील स्थानांतरण और दैनिक कार्यों में बिना किसी रुकावट के पूरा किया गया।

साथ ही, फुट ओवर ब्रिज 1 (एफओबी 1) के विस्तार के साथ एक आवश्यक बुनियादी ढाँचे को पूरा किया गया। इस विस्तार से यह सुनिश्चित होता है कि नई दिल्ली मेट्रो स्टेशन पर ट्रेन से उतरने वाले यात्री अब सीधे मेट्रो स्टेशन की ओर जा सकें, जिससे मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी में उल्लेखनीय सुधार होगा और प्लेटफ़ॉर्म पर भीड़ कम होगी।

केंद्रीय मंत्री के साथ रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी सतीश कुमार, उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक अशोक कुमार वर्मा और अन्य वरिष्ठ रेलवे अधिकारी मौजूद थे, जिन्होंने इस सुविधा की योजना और कार्यान्वयन पर विस्तार से जानकारी दी। इस निरीक्षण ने महत्वपूर्ण बुनियादी ढाँचे के आधुनिकीकरण और यात्रियों के लिए विश्वस्तरीय सुविधाएँ सुनिश्चित करने के लिए रेल मंत्रालय की प्रतिबद्धता को दर्शाया।

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