भारत ने चीन द्वारा सीमा कानून बनाए जाने पर चिंता व्‍यक्‍त की

भारत ने चीन द्वारा सीमा कानून बनाए जाने पर चिंता व्‍यक्‍त की

भारत ने चीन द्वारा सीमा कानून बनाए जाने के उस एकपक्षीय निर्णय पर चिंता व्‍यक्‍त की है जिससे सीमा प्रबंधन पर वर्तमान द्विपक्षीय सहमति और सीमा के प्रश्‍न पर प्रभाव पड़ सकता है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता अरिंदम बागची ने मीडिया के प्रश्‍नों के जवाब में बताया कि ऐसे एकपक्षीय कदम का उन पहले दोनों पक्षों द्वारा सहमति वाले मुद्दों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, भले ही ये सीमा के प्रश्‍न पर हों या भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में वास्‍तविक नियंत्रण रेखा के साथ शांति और सद्भाव बनाए रखने से संबंधित हों। उन्‍होंने यह भी कहा कि भारत यह आशा करता है कि चीन इस नये एकपक्षीय अधिनियम के अंतर्गत कार्रवाई करने से बचेगा, जिससे भारत-चीन सीमा क्षेत्रों के अंतर्गत स्थिति में एकपक्षीय परिवर्तन हो सकता है।

अरिंदम बागची ने कहा कि भारत इस बात से अवगत है कि चीन ने 23 अक्‍टूबर को एक नया भूमि सीमा कानून पारित किया था। इस अधिनियम में कहा गया है कि अन्‍य बातों के अलावा भूमि सीमा मामलों पर आपस में कुछ देशों द्वारा स्‍वीकृत या ऐसे देशों द्वारा की गई संधियों का चीन पालन करता है। इस अधिनियम में सेना क्षेत्रों में जिलों का पुनर्गठन किये जाने का भी प्रावधान है।

अरिंदम बागची ने कहा कि भारत और चीन ने अभी सीमा से संबंधित मुद्दों का समाधान नहीं किया है। उन्‍होंने कहा कि दोनों पक्ष आपसी परामर्श के जरिये सीमा से जुड़े मुद्दों के समुचित तर्कसंगत और आपसी स्‍वीकार्य समाधान पर सहमत हुए हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता ने यह भी कहा कि दोनों देशों ने भारत-चीन सीमा पर वास्‍तविक नियंत्रण रेखा के साथ शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए कई द्विपक्षीय समझौते, प्रोटोकॉल और व्‍यवस्‍थाएं की हैं।

Related posts

Leave a Comment