प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और सिएरा लियोन के सूचना और संचार मंत्रालय के बीच डिजिटल परिवर्तन के लिए जनसंख्या पैमाने पर कार्यान्वित सफल डिजिटल समाधानों को साझा करने के क्षेत्र में 12 जून, 2023 को हुए समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर को मंजूरी दे दी।
समझौता ज्ञापन का उद्देश्य दोनों देशों की डिजिटल परिवर्तनकारी पहलों के कार्यान्वयन में घनिष्ठ सहयोग और अनुभवों और डिजिटल प्रौद्योगिकियों-आधारित समाधानों (जैसे इंडिया स्टैक) के आदान-प्रदान को बढ़ावा देना है। एमओयू में आईटी के क्षेत्र में रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देने वाले बेहतर सहयोग की परिकल्पना की गई है।
समझौता ज्ञापन दोनों पक्षों के बीच हस्ताक्षर की तारीख से प्रभावी होगा और 3 साल की अवधि तक लागू रहेगा।
डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (डीपीआई) के क्षेत्र में जी2जी और बी2बी द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाया जाएगा। इस समझौता ज्ञापन में अपेक्षित कार्यों को उनकी व्यवस्था के नियमित परिचालन आवंटन के माध्यम से वित्तपोषित किया जाएगा।
एमईआईटीवाई, आईसीटी क्षेत्र में द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए अनेक देशों और बहुपक्षीय एजेंसियों के साथ सहयोग कर रहा है। इस अवधि के दौरान, एमईआईटीवाई ने आईसीटी डोमेन में सहयोग और सूचना के आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न देशों के अपने समकक्ष संगठनों/एजेंसियों के साथ एमओयू/एमओसी/समझौते में प्रवेश किया है। यह देश को डिजिटल रूप से सशक्त समाज और ज्ञान अर्थव्यवस्था में बदलने के लिए भारत सरकार द्वारा की गई डिजिटल इंडिया, आत्मनिर्भर भारत, मेक इन इंडिया आदि जैसी विभिन्न पहलों के अनुरूप है। इस बदलते परिप्रेक्ष्य में, आपसी सहयोग बढ़ाने के उद्देश्य से व्यावसायिक अवसरों की खोज करने, सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों को साझा करने और डिजिटल क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने की तत्काल आवश्यकता है।
पिछले कुछ वर्षों में, भारत ने डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (डीपीआई) के कार्यान्वयन में अपने नेतृत्व का प्रदर्शन किया है और कोविड महामारी के दौरान भी जनता को सेवाएं सफलतापूर्वक प्रदान की हैं। परिणामस्वरूप अनेक देशों ने भारत के अनुभवों से सीखने के लिए भारत के साथ समझौता ज्ञापन करने में रुचि दिखाई है।
सार्वजनिक सेवाओं तक पहुंच प्रदान करने और वितरण के लिए इंडिया स्टैक सॉल्यूशंस भारत द्वारा जनसंख्या पैमाने पर विकसित और कार्यान्वित डीपीआई हैं। इसका उद्देश्य सार्थक कनेक्टिविटी प्रदान करना, डिजिटल समावेशन को बढ़ावा देना और सार्वजनिक सेवाओं तक निर्बाध पहुंच सक्षम करना है। ये खुली प्रौद्योगिकियों पर निर्मित, अंतरसंचालनीय हैं और उद्योग और सामुदायिक भागीदारी का उपयोग करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं, जो नवाचार को बढ़ावा देते हैं। हालांकि डीपीआई के निर्माण में प्रत्येक देश की विशिष्ट आवश्यकताएं और चुनौतियां हैं, हालांकि बुनियादी कार्यक्षमता समान है, जो वैश्विक सहयोग की अनुमति देती है।
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