प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने रेल मंत्रालय की 6 (छह) परियोजनाओं को मंजूरी दी, जिनकी कुल अनुमानित लागत केन्द्र सरकार के शत-प्रतिशत वित्त पोषण के साथ 12,343 करोड़ (लगभग) रुपये है। इन मल्टी-ट्रैकिंग प्रस्तावों से भारतीय रेलवे के सबसे व्यस्त खंडों पर आवश्यक ढांचागत विकास उपलब्ध होगा, जिससे परिचालन में आसानी होगी और भीड़भाड़ कम होगी। ये परियोजनाएं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदीजी के नए भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप हैं जो क्षेत्र में व्यापक विकास के माध्यम से संबंधित इलाके के लोगों को “आत्मनिर्भर” बनाएगी जिससे उनके रोजगार/स्वरोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
कुल छह राज्यों यानी राजस्थान, असम, तेलंगाना, गुजरात, आंध्र प्रदेश और नागालैंड के 18 जिलों को कवर करने वाली ये 6 (छह) परियोजनाएं भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क में 1020 किलोमीटर तक की वृद्धि करेंगी और इन राज्यों के लोगों को लगभग 3 (तीन) करोड़ कार्य दिवसों के बराबर रोजगार प्रदान करेंगी।
ये परियोजनाएं मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी हेतु पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान का परिणाम हैं जो एकीकृत योजना के माध्यम से संभव हुई हैं और लोगों, वस्तुओं एवं सेवाओं की आवाजाही के लिए निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करेंगी।
ये खाद्यान्न, खाद्य वस्तुएं, उर्वरक, कोयला, सीमेंट, लोहा, इस्पात, फ्लाई-ऐश, क्लिंकर, चूना पत्थर, पीओएल, कंटेनर आदि जैसी वस्तुओं के परिवहन के लिए आवश्यक मार्ग हैं। क्षमता में वृद्धि के इन कार्यों के परिणामस्वरूप 87 एमटीपीए (मिलियन टन प्रति वर्ष) अतिरिक्त माल की ढुलाई होगी। पर्यावरण के अनुकूल और ऊर्जा के मामले में किफायती परिवहन का साधन होने के कारण, रेलवे जलवायु संबंधी लक्ष्यों को हासिल करने और देश की लॉजिस्टिक्स संबंधी लागत को कम करने, तेल आयात को घटाने और कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन को कम करने में मदद करेगा।