आज विश्‍व गठिया दिवस है; इस वर्ष का विषय है – यह आपके हाथों में है, इस पर ध्‍यान दें

आज विश्‍व गठिया दिवस है; इस वर्ष का विषय है – यह आपके हाथों में है, इस पर ध्‍यान दें

आज विश्‍व गठिया दिवस है। इस दिवस का उद्देश्‍य गठिया और इसके विभिन्‍न रूपों, तत्‍काल निदान और उपचार को लेकर लोगों में जागरूकता बढाना है। इस वर्ष इस दिवस का विषय है – यह आपके हाथों में है, इस पर ध्‍यान दें। गठिया के कुछ लक्षणों में जोडों के आसपास लालिमा, दर्द, सूजन और जोडो में जकडन शामिल है।

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्‍थान, नई दिल्‍ली, गठिया रोग विभाग की प्रमुख डॉक्‍टर उमा कुमार ने बताया गठिया के इन लक्षणों वाले रोगियों को उचित उपचार के लिए डॉक्‍टर से परामर्श करना चाहिए। उन्‍होंने कहा कि गठिया को नियंत्रित करने के लिए शारीरिक वजन पर ध्‍यान देना चाहिए।

आपको यह जानना बहुत जरूरी है कि हर जोड का दर्द गठिया नहीं होता और सही इलाज मिलने से वो पूरी तरह ठीक हो सकता है। आज के टाईम में दवाईयां अवैलेबल हैं उससे इसका इलाज पूरी तरह हो सकता है, लेकिन जरूरी यह है कि आप होने ही न दें गठिया की बीमारी को। उसके लिए आप अपनी जीवनशैली को कंट्रोल करें। जिन मरीजों को आर्थराइटिस ऑलरेडी है, अगर दवाईयों के साथ-साथ वो योग भी प्रैक्टिस करते हैं, तो देखा यह गया है कि उनकी बिमारी दवाओं से जल्दी कंट्रोल हो जाती है और बाद में जा के दवाओं की जो डोजेस हैं वो भी कम हो सकती हैं।

गठिया की रोकथाम में योग की भूमिका को लेकर शरीर रचना विज्ञान विभाग, एम्‍स की डॉक्‍टर रीमा दादा ने कहा कि इस संस्‍थान के एक अध्‍ययन में पता चला है कि गठिया के नियंत्रण में योग को सहायक उपचार के रूप में प्रयोग किया जा सकता है।

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