हिमाचल प्रदेश में तेज वर्षा और भूस्खलन से प्रभावित क्षेत्रों में युद्ध स्तर पर राहत और बचाव कार्य, पंजाब में बाढ़ की स्थिति फिर बिगड़ी
राज्यपाल शिवप्रताप शुक्ल और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खु ने शिमला के कृष्णा वॉर्ड का दौरा कर नुकसान का आकलन किया। कल कृष्णानगर में भूस्खलन के दौरान दो शव बरामद हुए थे। उन्होंने सभी संभव सहायता का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार लगभग आठ सौ करोड रुपये के प्रावधान के साथ समग्र दीर्धकालिक आपदा योजना तैयार कर रही है। इसका उद्देश्य भविष्य में आपदाओं के असर को कम करना है।
राज्य में मौजूदा मानसून के दौरान वर्षा से जुडी घटनाओं में अब तक कुल तीन सौ 27 लोगों की मृत्यु हो गई है और तीन सौ 18 लोग घायल हुए हैं। 38 लोग अब भी लापता हैं। मूसलाधार वर्षा के कारण सोमवार को ही 60 से अधिक लोगों की मृत्यु हो गई। इस बीच, शिमला के समरहिल में शिव मंदिर क्षेत्र में बचाव अभियान जारी है। मंदिर के क्षेत्र से आज एक और शव मिलने से मरने वालों की संख्या 13 हो गई है। सोलान जिले के दून क्षेत्र में सूनानी और शील गांवों में 24 से अधिक घरों में दरारें आ गई हैं और कुछ घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं।
स्थानीय प्रशासन ने तुरंत घरों को खाली करा दिया है और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। इस बीच, सैकडों सडकों पर आवागमन बाधित है तथा बिजली, पानी जैसी आवश्यक सेवाओं पर भी असर पडा है। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल और राज्य आपदा मोचन बल की टीमें राहत और बचाव कार्य में लगी है। पुलिस और स्थानीय लोग भी इसमें सहायता दे रहे हैं।
पंजाब में बाढ़ की स्थिति एक बार फिर बिगड़ गई है। होशियारपुर, रूपनगर, गुरदासपुर और कपूरथला जिलों के कई गांव बाढ़ के पानी से घिर गए हैं। पिछले कुछ दिनों से हिमाचल प्रदेश में अत्याधिक बारिश के कारण जल स्तर में वृद्धि के बाद भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड के अधिकारियों ने विभिन्न बांधों के दरवाजे खोल दिए हैं। इस बीच मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा है कि स्थिति पर नजर रखी जा रही है।