सर्बानंद सोनोवाल ने ग्लोबल मैरीटाइम इंडिया शिखर सम्मेलन, 2023 के पूर्वावलोकन समारोह का शुभारंभ किया

सर्बानंद सोनोवाल ने ग्लोबल मैरीटाइम इंडिया शिखर सम्मेलन, 2023 के पूर्वावलोकन समारोह का शुभारंभ किया

केंद्रीय पोत, नौवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने आज मुंबई में ग्लोबल मैरीटाइम इंडिया शिखर सम्मेलन (जीआईएमएस), 2023 के पूर्वावलोकन समारोह का शुभारंभ किया। इस आयोजन का उद्देश्य व्यापार में सहयोग बढ़ाने और व्यापार करने में सुगमता (ईओडीबी) को प्रोत्साहन देने के लिए ज्ञान और प्रौद्योगिकी के सहयोग के साथ-साथ नए निवेश के अवसरों की संभावनाओं को प्रकट करना है। इस कार्यक्रम में केंद्रीय पोत, नौवहन और जलमार्ग तथा पर्यटन राज्य मंत्री श्रीपद नाइक सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

सर्बानंद सोनोवाल ने आगामी ग्लोबल मैरीटाइम इंडिया शिखर सम्मेलन 2023 के पूर्वावलोकन समारोह को संबोधित करते हुए भारत की आर्थिक प्रगति में समुद्री क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका और एशिया-प्रशांत क्षेत्र के लिए इसकी क्षमता पर बल दिया। सोनोवाल ने कहा, ”भारत आगे बढ़कर नेतृत्व कर सकता है।” उन्होंने कहा कि बंदरगाहों, नौवहन और अंतर्देशीय जलमार्गों के लिए सक्रिय सरकारी नीतियों के कारण भारत का समुद्री क्षेत्र विकास के लिए तैयार है।

मंत्री महोदय ने कहा कि भारत के समुद्री क्षेत्र की विशाल क्षमता 2047 तक आत्मनिर्भर भारत की दिशा में आर्थिक चक्र को ऊपर उठाने में महत्वपूर्ण और प्रमुख भूमिका निभा सकती है। आत्मनिर्भर भारत हमारे गतिशील प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का विजन है। भारत के समुद्री क्षेत्र के प्रमुख प्रेरक के रूप में हमारा मंत्रालय भारत के समृद्ध समुद्री क्षेत्र की विशाल क्षमता से मूल्य सृजन करने के लिए ग्लोबल मैरीटाइम इंडिया शिखर सम्मेलन का आयोजन करता रहा है। देश के समुद्री क्षेत्र में 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश के अवसरों को चिन्ह्ति करने के साथ हम एक बड़े आर्थिक उत्थान के दरवाजे पर खड़े हैं जो भारत के 15 लाख से अधिक युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा कर सकता है। यह शिखर सम्मेलन भारत की नीली अर्थव्यवस्था की समृद्धि का पता लगाने तथा उसका अध्ययन करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। हमें आशा है कि समुद्री क्षेत्र के सर्वश्रेष्ठ मस्तिष्क मैरिटाइम क्षेत्र और देश के सतत विकास के लिए रोडमैप तैयार करने में अपना सद्भाव, इच्छा, बुद्धिमता और कौशल का उपयोग करेंगे।

सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि हम भारत और विश्व स्तर पर सभी समुद्री हितधारकों को इन निवेश अवसरों का हिस्सा बनने का आमंत्रण देते हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व में, भारत विभिन्न क्षेत्रीय परियोजनाओं के विकास में प्रमुख भूमिका निभाते हुए बिम्सटेक क्षेत्र के भीतर क्षेत्रीय व्यापार की उन्नति का नेतृत्व कर रहा है। भारत 5,000 किलोमीटर लंबे बहु-देशीय जलमार्गों व्यवस्था को सक्रिय रूप से चला रहा है, जो पूरे क्षेत्र में व्यापार और परिवहन को प्रभावी ढंग से सुविधाजनक बनाने की महत्वपूर्ण पहल है।

पूर्वावलोकन कार्यक्रम का उद्देश्य ब्लू इकोनॉमी (नीली अर्थव्यवस्था) की विशाल क्षमता का दोहन करने और भारत के समुद्री क्षेत्र में निवेश के अवसरों के निर्माण के माध्यम से मूल्य व्यक्त करने का रोडमैप तैयार करने के लिए समुद्री क्षेत्र के विचारशील नेताओं के साथ-साथ उद्योग कप्तानों का एक वैश्विक मंच बनाना है। यह स्टार्ट-अप्स, शोधकर्ताओं, इनक्यूबेटर्स और इनोवेटर्स को अपनी तकनीक और विशेषज्ञता प्रदर्शित करने के लिए एक मंच प्रदान करेगा। जीएमआईएस, 2023 के फोकस क्षेत्र भविष्य के बंदरगाह, डीकार्बोनाइजेशन, तटीय नौवहन और अंतर्देशीय जलमार्ग परिवहन, जहाज निर्माण, मरम्मत एवं रीसाइक्लिंग, वित्त, बीमा एवं मध्यस्थता, नवाचार एवं प्रौद्योगिकी, समुद्री सुरक्षा एवं संरक्षा तथा समुद्री पर्यटन हैं।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत पर्यावरण के प्रति जागरूक नौवहन समाधान विकसित करने की अपनी प्रतिबद्धता पर दृढ़ता से कायम है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत गर्व से विश्व में रीसाइक्लिंग में दूसरे स्थान पर है, जिसका स्पष्ट लक्ष्य आगामी दो दशकों में शीर्ष पर पहुंचना है। उन्होंने कहा कि इस विज़न को आगे बढ़ाने के लिए हम कार्बन-तटस्थ विकल्पों को लाने और अपने प्रमुख बंदरगाहों में बैटरी चालित वाहनों तथा उपकरणों के उपयोग को बढ़ावा देने की योजना बना रहे हैं। विशाल समुद्र तट और 200 से अधिक बंदरगाहों के साथ वैश्विक व्यापार में भारत एक रणनीतिक दर्जा रखता है। उन्होंने कहा कि देश ने सागरमाला और प्रधानमंत्री की गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान जैसी परिवर्तनकारी पहलों के अंतर्गत प्रभावशाली प्रगति की है, जिसने बंदरगाह अवसंरचना को आधुनिक बनाया है, कनेक्टिविटी बढ़ाई है और बंदरगाह के नेतृत्व वाले औद्योगीकरण की सुविधा प्रदान की है।

श्रीपद नाइक ने इस अवसर पर कहा कि ग्लोबल मैरीटाइम इंडिया शिखर सम्मेलन, 2023 भारत को वैश्विक समुद्री केंद्र के रूप में स्थापित करने के हमारे प्रयासों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। उन्होंने कहा कि उद्देश्य सहयोगात्मक चर्चाओं और रणनीतिक साझेदारी के माध्यम से नवाचारी और अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी से प्रेरित समुद्री क्षेत्र को सतत विकास की ओर आगे बढ़ाना है।

भारतीय बंदरगाह संघ और मुंबई बंदरगाह प्राधिकरण के अध्यक्ष राजीव जलोटा, पोत, नौवहन और जलमार्ग मंत्रालय के अपर सचिव राजेश कुमार सिन्हा, पोत, नौवहन और जलमार्ग मंत्रालय के संयुक्त सचिव (एसएम) भूषण कुमार, फॉरन ऑनर्स रिप्रेजेन्‍टेटिव, शिप मैनेजर्स एसोसिएशन के सीईओ राजेश टंडन, इंडियन नेशनल शिपओनर्स एसोसिएशन के सीईओ अनिल देवली; फिक्की परिवहन अवसंरचना पर पोत और नौवहन के अध्यक्ष तथा जेएम टैक्सी ग्रुप के एमडी ध्रुव कोटक के साथ-साथ फिक्की के महासचिव शैलेश पाठक ने भी इस अवसर अपने विचार व्यक्त किए।

शिखर सम्मेलन के एजेंडे और विषयगत सत्रों का व्यापक अवलोकन प्रदान करने के लिए आधिकारिक जीएमआईएस 2023 ब्रोशर के अनावरण और इवेंट की वेबसाइट और मोबाइल ऐप के लॉन्च के साथ पूर्वावलोकन समारोह का समापन हुआ और प्रतिभागियों के लिए आवश्यक संसाधनों के रूप में काम करेगा।

ग्लोबल मैरीटाइम इंडिया शिखर सम्मेलन (जीएमआईएस), 2023 के बारे में :

जीएमआईएस 2023 अवसरों का पता लगाने, चुनौतियों को समझने और भारत के समुद्री क्षेत्र के भीतर निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए उद्योग जगत की प्रमुख हस्तियों को एक साथ लाने के लिए एक प्रमुख समुद्री क्षेत्र केंद्रित आयोजन है। इस तीसरे संस्करण का उद्देश्य अपने पिछले संस्करणों की विरासत को आगे बढ़ाते हुए घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय समुद्री हितधारकों तथा निवेशकों के लिए व्यापक संभावनाओं को उजागर करना है। वैश्विक मंच पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने और भारत के समुद्री उद्योग पर प्रकाश डालने के लिए तैयार मैरीटाइम इंडिया शिखर सम्मेलन अब इस वर्ष ‘वैश्विक’ समुद्री भारत शिखर सम्मेलन में विकसित हो गया है। शिखर सम्मेलन 17 से 19 अक्टूबर 2023 को प्रगति मैदान, नई दिल्ली में मैदान में होगा। इसमें फिक्की विशिष्ट उद्योग भागीदार है।

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