संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही आज लोकसभा सुरक्षा-चूक के मुद्दे और विपक्षी सांसदों के निलंबन को लेकर लगातार बाधित हुई। लोकसभा और राज्य सभा की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
लोकसभा की कार्यवाही दूसरे स्थगन के बाद साढ़े 12 बजे जब शुरू हुई, तो कांग्रेस, टीएमसी, डीएमके और अन्य पार्टियों के सदस्यों ने अपना विरोध शुरू कर दिया।
अपने अमर्यादित व्यवहार के लिए कुल 49 विपक्षी सांसदों को शेष शीतकालीन-सत्र से निलंबित कर दिया गया है। संसदीय-कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने सदन के नियमों को कमजोर करने तथा प्ले-कार्ड दिखाने के लिए सांसदों को निलंबित करने के लिए एक प्रस्ताव रखा। इस प्रस्ताव को एक स्वर से स्वीकार कर लिया गया।
निलंबित सांसदों में कांग्रेस के शशि थरूर और मनीष तिवारी, एनसीपी की सुप्रिया सुले, एनसी के फारुख अब्दुल्ला, समाजवादी पार्टी की डिम्पल यादव, टीएमसी के सुदीप बंदोपाध्याय और जदयू के राजीव रंजन सिंह शामिल हैं। बाद में सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
इससे पहले सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित की गई। लोकसभा सुरक्षा-चूक और सांसदों के निलंबन को लेकर सदन में विपक्षी सांसदों ने हंगामा जारी रखा। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने विपक्षी सांसदों द्वारा प्ले-कार्ड में प्रधानमंत्री की बिगड़ी हुई तस्वीर दिखाने की निंदा की। उन्होंने इस मामले में कार्रवाई की मांग की। श्री जोशी ने कहा कि जो लोग संसद में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, उन्हें हाल के विधानसभा चुनावों में सबक सिखा दिया गया है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रदर्शन करने वाले सदस्यों को अपनी सीट पर जाने को कहा, लेकिन उन्होंने अपना विरोध जारी रखा। उन्होंने कहा कि सदन नियम के अनुसार काम करेगा।
राज्य सभा में इसी प्रकार की स्थिति देखने को मिली। पहले स्थगन के बाद जब ऊपरी सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे शुरू हुई, तो कांग्रेस, डीएमके, टीएमसी, जदयू, वामदल और अन्य पार्टी के सदस्यों ने फिर से हंगामा शुरू कर दिया, इस कारण सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
सुबह विपक्षी पार्टियों ने सुरक्षा-चूक मुद्दे पर सदन में गृहमंत्री अमित शाह के बयान की मांग को लेकर अपना विरोध प्रदर्शन शुरू किया।
इस बीच, सभापति जगदीप धनखड़ ने सदन की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।