वित्त वर्ष 2023-24 में रिकॉर्ड उत्पादन स्तर तक पहुंचने के बाद, वित्त वर्ष 2024-25 (अप्रैल-अगस्त) के दौरान, देश में कुछ प्रमुख खनिजों के उत्पादन में मजबूत वृद्धि देखी गई है। मूल्य के आधार पर देखा जाए तो कुल एमसीडीआर खनिज उत्पादन में लौह अयस्क का हिस्सा लगभग 70 प्रतिशत है। वित्त वर्ष 2023-24 में, लौह अयस्क का उत्पादन 274 मिलियन मीट्रिक टन (एमएमटी) था। अनंतिम आंकड़ों के मुताबिक, लौह अयस्क का उत्पादन वित्त वर्ष 2023-24 (अप्रैल-अगस्त) में 108 एमएमटी से बढ़कर वित्त वर्ष 2024-25 (अप्रैल-अगस्त) में 116 एमएमटी हो गया है, जो 7.4 प्रतिशत की ठीक-ठाक बढ़ोतरी को दर्शाता है। मैंगनीज अयस्क का उत्पादन वित्त वर्ष 2024-25 (अप्रैल-अगस्त) में 15.4 प्रतिशत बढ़कर 1.5 एमएमटी हो गया है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 1.3 एमएमटी था।
अलौह धातु के क्षेत्र में, वित्त वर्ष 2024-25 (अप्रैल-अगस्त) में, प्राथमिक एल्यूमीनियम उत्पादन ने पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में, 1.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की, जो वित्त वर्ष 2024-25 (अप्रैल-अगस्त) में बढ़कर 17.49 लाख टन (एलटी) हो गया, जो वित्त वर्ष 2023-24 (अप्रैल-अगस्त) में 17.26 लाख टन था। इसी तुलनात्मक अवधि के दौरान, परिष्कृत तांबे का उत्पादन 5.8 प्रतिशत बढ़कर 1.91 लाख टन से 2.02 लाख टन हो गया है।
भारत दूसरा सबसे बड़ा एल्यूमीनियम उत्पादक देश है, जो परिष्कृत तांबे में शीर्ष दस उत्पादक देशों में से एक है और विश्व में चौथा सबसे बड़ा लौह अयस्क उत्पादक देश है। चालू वित्त वर्ष में लौह अयस्क के उत्पादन में निरंतर वृद्धि उपयोगकर्ता उद्योग अर्थात इस्पात में मजबूत मांग की स्थिति को दर्शाती है। एल्युमीनियम और तांबे के उत्पादन में वृद्धि के साथ, ये विकास रुझान ऊर्जा, बुनियादी ढांचा, निर्माण, मोटर वाहन और मशीनरी जैसे उपयोगकर्ता क्षेत्रों में निरंतर मजबूत आर्थिक गतिविधि की ओर इशारा करते हैं।