वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज लोकसभा में अंतरिम बजट 2024-25 पेश करते हुए घोषणा की कि लखपति दीदी के लक्ष्य को 2 करोड़ से बढ़ाकर 3 करोड़ करने का फैसला किया गया है।
केन्द्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि नौ करोड़ महिलाओं के साथ 83 लाख स्वयं-सहायता समूह (एसएचजी) सशक्तिकरण और आत्मनिर्भर बनने के साथ ग्रामीण सामाजिक-आर्थिक परिवेश में बदलाव ला रहे हैं। इनकी सफलता से पहले ही करीब एक करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाने में मदद मिल चुकी है। वे दूसरों के लिए एक प्रेरणा हैं। उन्हें सम्मान देकर उनकी उपलब्धियों को मान्यता दी जाएगी। वित्त मंत्री ने कहा कि कार्यक्रम की सफलता को देखते हुए लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य बढ़ाया गया है।
वित्त मंत्री ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री का यह पक्का विश्वास है कि हमें चार प्रमुख जातियों पर ध्यान देना चाहिए और ये जातियां हैं ‘गरीब’, ‘महिलाएं’, ‘युवा’ और ‘अन्नदाता’। ‘’उनकी जरूरतें, उनकी आकांक्षाएं और उनका कल्याण हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। जब वे प्रगति करते हैं तो देश प्रगति करता है।‘’ उन्होंने कहा कि सभी चारों के जीवन को बेहतर बनाने और उनके सशक्तिकरण और कल्याण में सरकार के समर्थन की आवश्यकता होगी और यह उन्हें प्राप्त होगा, जिससे कि देश आगे बढ़ेगा।
उन्होंने आगे कहा कि सरकार विकास के दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए काम कर रही है जोकि सर्वांगीण, सर्वस्पर्शी और सर्वसमावेशी है। यह हर स्तर पर सभी जातियों और लोगों तक पहुंचेगा। सरकार 2047 तक देश को ‘विकसित भारत बनाने की दिशा में काम कर रही है। ‘’इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हमें लोगों की क्षमता को बेहतर और उन्हें सशक्त बनाना होगा।‘’