रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने युद्ध की बदलती स्थितियों और सुरक्षा खतरों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए अनुकूलित रक्षा रणनीतियों पर जोर दिया है। नई दिल्ली में आज दिल्ली रक्षा वार्ता के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अनुकूलित रक्षा केवल एक रणनीतिक विकल्प नहीं है, बल्कि एक आवश्यकता है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि इस बारे में देश का दृष्टिकोण लचीलेपन, नवाचार तथा परिवर्तनशीलता पर आधारित होना चाहिए और राष्ट्र को भविष्य की सभी चुनौतियों के लिए तैयार रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा के खिलाफ सूचना युद्ध के खतरे का मुकाबला करने के लिए अनुकूलित रक्षा रणनीतियों को नियोजित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
राजनाथ सिंह ने कहा कि देश आतंकवाद, साइबर हमलों और हाइब्रिड युद्ध जैसी विविध प्रकार की सुरक्षा चुनौतियों का सामना कर रहा है। रक्षामंत्री ने कहा कि देश साइबरस्पेस तथा कृत्रिम मेधा में उभरती प्रौद्योगिकियों पर लगातार काम कर रहा है।
राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार विदेशी आपूर्तिकर्ताओं पर निर्भरता कम करने के उद्देश्य से स्वदेशी क्षमताओं और दक्षताओं को विकसित करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। तेजस लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट, आईएनएस विक्रांत और डीआरडीओ मिसाइल कार्यक्रमों जैसी सफल स्वदेशी रक्षा परियोजनाओं पर प्रकाश डालते हुए, राजनाथ सिंह ने इन्हें मेक-इन इंडिया पहल की महत्वपूर्ण उपलब्धियां बताया।