प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बिहार के बेगुसराय में देश भर के लिए लगभग 1.48 लाख करोड़ रुपये की तेल और गैस क्षेत्र की कई परियोजनाओं और बिहार में 13,400 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित किया और आधारशिला रखी।
प्रधानमंत्री ने लगभग 1.48 लाख करोड़ रुपये की विभिन्न तेल एवं गैस परियोजनाओं का उद्घाटन, राष्ट्र को समर्पित व शिलान्यास किया। ये परियोजनाएं केजी बेसिन के साथ-साथ देश भर के विभिन्न राज्यों जैसे बिहार, हरियाणा, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब और कर्नाटक में फैली हुई हैं।
प्रधानमंत्री ने केजी बेसिन से ‘फर्स्ट ऑयल’ को राष्ट्र को समर्पित किया और ओएनजीसी कृष्णा गोदावरी गहरे पानी परियोजना से संबंधित पहले कच्चे तेल टैंकर को झंडी दिखाई। केजी बेसिन से ‘फर्स्ट ऑयल’ का निष्कर्षण भारत के ऊर्जा क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है, जो ऊर्जा संबंधी आयात पर हमारी निर्भरता को काफी कम करेगा। यह परियोजना भारत के ऊर्जा क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत भी है, जो ऊर्जा सुरक्षा की मजबूती और आर्थिक सुदृढ़ता को बढ़ावा देगी।
बिहार में लगभग 14,000 करोड़ रुपये की तेल एवं गैस क्षेत्र की विभिन्न परियोजनाएं शुरू की गईं। इसमें 11,400 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजना लागत वाली बरौनी रिफाइनरी के विस्तार का शिलान्यास व बरौनी रिफाइनरी में ग्रिड इंफ्रास्ट्रक्चर जैसी परियोजनाओं का उद्घाटन और पारादीप-हल्दिया-दुर्गापुर एलपीजी पाइपलाइन का पटना और मुजफ्फरपुर तक विस्तार शामिल है।
देश भर के लिए शुरू की जा रही तेल एवं गैस क्षेत्र की अन्य महत्वपूर्ण परियोजनाओं में हरियाणा में पानीपत रिफाइनरी एवं पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स का विस्तार तथा पानीपत रिफाइनरी में 3जी इथेनॉल संयंत्र एवं उत्प्रेरक संयंत्र; आंध्र प्रदेश में विशाख रिफाइनर आधुनिकीकरण परियोजना (वीआरएमपी); पंजाब के फाजिल्का, गंगानगर और हनुमानगढ़ जिले को लाभान्वित करने वाली सिटी गैस वितरण नेटवर्क परियोजना; कर्नाटक के गुलबर्गा में नया पीओएल डिपो, महाराष्ट्र में मुंबई हाई नॉर्थ पुनर्विकास चरण -IV शामिल है। प्रधानमंत्री ने आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में भारतीय पेट्रोलियम एवं ऊर्जा संस्थान (आईआईपीई) का शिलान्यास भी किया।
प्रधानमंत्री ने बरौनी में हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) के उर्वरक संयंत्र का उद्घाटन किया। 9500 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित यह संयंत्र किसानों को किफायती यूरिया उपलब्ध कराएगा और उनकी उत्पादकता एवं वित्तीय स्थिरता में वृद्धि करेगा। यह देश में पुनर्जीवित होने वाला चौथा उर्वरक संयंत्र होगा।
प्रधानमंत्री ने करीब 3917 करोड़ रुपये की विभिन्न रेलवे परियोजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास भी किया। इनमें राघोपुर-फारबिसगंज रेल पथ परिवर्तन की परियोजना; मुकुरिया-कटिहार-कुमेदपुर रेल लाइन का दोहरीकरण; बरौनी-बछवाड़ा तीसरी एवं चौथी लाइन और कटिहार-जोगबनी रेल खंड का विद्युतीकरण शामिल है। ये परियोजनाएं यात्रा को और अधिक सुलभ बनाएंगी तथा क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देंगी। प्रधानमंत्री ने दानापुर – जोगबनी एक्सप्रेस (दरभंगा – सकरी के रास्ते); जोगबनी-सहरसा एक्सप्रेस; सोनपुर-वैशाली एक्सप्रेस; और जोगबनी-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस सहित चार ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई।
प्रधानमंत्री ने देश के पशुधन से संबंधित एक डिजिटल डेटाबेस – ‘भारत पशुधन’ को राष्ट्र को समर्पित किया। राष्ट्रीय डिजिटल पशुधन मिशन (एनडीएलएम) के तहत विकसित, ‘भारत पशुधन’ प्रत्येक पशु को आवंटित एक अद्वितीय 12-अंकीय टैग आईडी का उपयोग करेगा। इस परियोजना के तहत, अनुमानित 30.5 करोड़ गोवंश में से लगभग 29.6 करोड़ को पहले ही टैग किया जा चुका है और उनका विवरण डेटाबेस में उपलब्ध है। ‘भारत पशुधन’ गोवंश के लिए ट्रेसेबिलिटी प्रणाली प्रदान करके किसानों को सशक्त बनाएगा और बीमारी की निगरानी एवं नियंत्रण में भी मदद करेगा।
प्रधानमंत्री ने ‘1962 फार्मर्स ऐप’ का भी शुभारंभ किया। यह एक ऐसा ऐप है जो ‘भारत पशुधन’ डेटाबेस के तहत मौजूद सभी डेटा और सूचनाओं को दर्ज करता है और जिसका उपयोग किसान कर सकते हैं।