प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी 20 देशों से अपने स्वास्थ्य नवाचार को जनता की भलाई के लिए इस्तेमाल करने और सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रौद्योगिकी की समान उपलब्धता की सुविधा प्रदान करने का आग्रह किया है। प्रधानमंत्री मोदी आज गुजरात के गांधीनगर में जी20 स्वास्थ्य मंत्रियों की बैठक को संबोधित कर रहे थे। प्रधानमंत्री ने कहा कि कोविड-19 महामारी ने हमें याद दिलाया है कि स्वास्थ्य हमारे सभी निर्णयों के केंद्र में होना चाहिए। उन्होंने कहा कि महामारी ने हमें सहयोग का मूल्य बताया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वैक्सीन मैत्री पहल के अन्तर्गत भारत ने ग्लोबल साउथ सहित एक सौ से अधिक देशों को वैक्सीन की तीस करोड खुराक पहुंचाई। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें अगली स्वास्थ्य आपात स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार रहना चाहिए।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अपने समग्र और समावेशी स्वास्थ्य देखभाल दृष्टिकोण के तहत, भारत अपने स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे का विस्तार कर रहा है, पारंपरिक दवाओं को बढ़ावा दे रहा है और सभी को किफायती स्वास्थ्य देखभाल सुविधा प्रदान कर रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि गुजरात के जामनगर में डब्ल्यूएचओ ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन की स्थापना इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और जी-20 स्वास्थ्य मंत्रियों की बैठक के साथ पारंपरिक चिकित्सा पर विश्व स्वास्थ्य संगठन के वैश्विक शिखर सम्मेलन के आयोजन से इसकी क्षमता का दोहन करने के प्रयास तेज हो जाएंगे। प्रधानमंत्री ने इस बात पर भी प्रसन्नता व्यक्त की कि जी-20 स्वास्थ्य कार्य समूह ने ”एक स्वास्थ्य” को प्राथमिकता दी है।
उन्होंने कहा कि ”एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य” का दृष्टिकोण पूरे पारिस्थितिकी तंत्र के लिए अच्छे स्वास्थ्य की परिकल्पना करता है। सार्वजनिक स्वास्थ्य अभियान की सफलता में सार्वजनिक भागीदारी को एक महत्वपूर्ण कारक बताते हुए, प्रधानमंत्री ने भारत की टीबी उन्मूलन यात्रा के बारे में बताया। प्रधानमंत्री मोदी ने न्यायसंगत और समावेशी प्रयासों में एक उपयोगी साधन के रूप में डिजिटल समाधान और नवाचार के महत्व को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि डिजिटल स्वास्थ्य पर वैश्विक पहल विभिन्न डिजिटल स्वास्थ्य पहलों को एक मंच पर लाएगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह, सभी के लिए स्वास्थ्य कवरेज प्राप्त करने के हमारे लक्ष्य के और पास ले जाएगी। इससे पहले बैठक को संबोधित करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने भारत के एक स्वास्थ्य के दृष्टिकोण पर जोर दिया और कहा कि भारत ने स्वास्थ्य देखभाल तक समान पहुंच के इस दृष्टिकोण के अनुरूप स्वास्थ्य आपात स्थिति की रोकथाम, तैयारी और प्रतिक्रिया को प्राथमिकता दी है।
उन्होंने महामारी के बाद डिजिटल स्वास्थ्य के महत्व को रेखांकित किया और डिजिटल स्वास्थ्य देखभाल पर वैश्विक पहल को अंतिम रूप देने में भारत का समर्थन करने के लिए जी-20 देशों को बधाई दी। उद्घाटन सत्र में विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक, टेड्रोस अधनोम घेब्रियसस ने सभी के लिए स्वास्थ्य कवरेज और आयुष्मान भारत योजना के लिए भारत की सराहना की। यह योजना दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य पहल है। टेड्रोस घेब्रियसस ने भारत की टेलीमेडिसिन पहल को स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में आये महत्वपूर्ण बदलाव का एक उत्कृष्ट उदाहरण बताया।