ऊर्जा परिवर्तन एवं राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन के उद्देश्यों की प्राप्ति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में, केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने आज कांडला बंदरगाह के दीनदयाल बंदरगाह प्राधिकरण (डीपीए) में हरित हाइड्रोजन संयंत्र के लिए इलेक्ट्रोलाइजर्स को वर्चुअल माध्यम से हरी झंडी दिखाई।
इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि “यह हरी झंडी डीपीए कांडला के भारत के अग्रणी हरित हाइड्रोजन हब के रूप में उभरने के अभियान में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में, हम उन्नत हरित ऊर्जा पहलों को आगे बढ़ा रहे हैं, समुद्री क्षेत्र को कार्बन मुक्त करने और चिरस्थायी बंदरगाह संचालन के लिए एक राष्ट्रीय बेंचमार्क स्थापित करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि कर रहे हैं।”
पहल की मुख्य विशेषताएं:
स्वदेशी प्रौद्योगिकी: एलएंडटी द्वारा “मेक-इन-इंडिया” पहल के अंतर्गत इलेक्ट्रोलाइज़र्स का निर्माण डीपीए, कांडला में स्थापित होने वाले एक मेगावाट क्षमता वाले हरित हाइड्रोजन संयंत्र के लिए किया गया। उत्पादन क्षमता: डीपीए कांडला में हरित हाइड्रोजन संयंत्र जुलाई 2025 तक चालू होगा, जो प्रति घंटे 18 किलोग्राम हाइड्रोजन का उत्पादन करेगा, जिससे यह स्वदेशी इलेक्ट्रोलाइजर का उपयोग करने वाला देश पहला बंदरगाह-आधारित संयंत्र बन जाएगा।
*विस्तार योजनाएं: डीपीए हरित अमोनिया उत्पादन में विस्तार करने की योजना बना रहा है, जो भारत के नेट जीरो लक्ष्यों को आगे बढ़ाएगा। इस पहल का उद्देश्य एक बंदरगाह-संचालित एक मेगावाट हरित हाइड्रोजन संयंत्र की स्थापना करना है, जिसे भविष्य में 10 मेगावाट तक बढ़ाने की योजना है।
इस ध्वजारोहण समारोह में टी.के. रामचंद्रन, सचिव, पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय सुशील कुमार सिंह, अध्यक्ष, आईआरएसएमई, डीपीए और डेरेक एम. शाह, वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं प्रमुख, एलएंडटी ग्रीन एनर्जी शामिल हुए। इलेक्ट्रोलाइजर को एलएंडटी की हजीरा विनिर्माण सुविधा से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया।