कांग्रेस कार्य समिति (CWC) ने सभी लोकतांत्रिक संस्थाओं से भारत के संविधान पर सरकार के कथित हमले की निंदा करने और उसका विरोध करने का आग्रह किया है। हैदराबाद में कल सीडब्ल्यूसी की बैठक में आरोप लगाया गया कि केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने व्यावहारिक रूप से सहकारी संघवाद को प्रभावित किया है। सीडब्ल्यूसी ने एक प्रस्ताव पारित किया कि जिसमें देश को विभाजनकारी राजनीति से मुक्ति दिलाने के लिए आई.एन.डी.आई. गठबंधन को सफल बनाने का आवाहान किया ताकि लोगों को एक संवेदनशील और जवाबदेह सरकार मिल सके। सीडब्ल्यूसी ने अपने प्रस्ताव में एक ऐसे राष्ट्र का निर्माण करने का संकल्प लिया, जिस पर सभी भारतीय गर्व कर सके।
समिति में 2021 में होने वाली जनगणना में जाति जनगणना कराने का आह्वान किया गया है। सीडब्ल्यूसी ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछडा वर्ग के लिए आरक्षण की मौजूदा ऊपरी सीमा को बढ़ाने का भी आह्वान किया और महिला आरक्षण विधेयक संसद के आगामी विशेष सत्र के दौरान पारित किये जाने की भी मांग की।
बढ़ती बेरोजगारी और विशेष रूप से आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में निरंतर वृद्धि पर चिंता व्यक्त करते हुए, प्रस्ताव में कहा गया है कि वायदों के अनुसार रोजगार मेले में प्रति वर्ष दो करोड़ नौकरियां सृजित नहीं की जा सकीं। सीडब्ल्यूसी ने हिमाचल प्रदेश के लोगों के प्रति दुख व्यक्त किया, जहां बार-बार भूस्खलन और भारी बारिश के कारण बड़े स्तर वर विनाश हुआ। समिति ने मणिपुर की स्थिति पर भी प्रस्ताव पारित किया और राज्य में जातीय हिंसा की मौजूदा स्थिति पर दुख व्यक्त किया।