एनसीएल ने मध्य प्रदेश सरकार को कोविड के खिलाफ लड़ाई में समर्थन करने के लिए 10 करोड़ रुपये का योगदान दिया

एनसीएल ने मध्य प्रदेश सरकार को कोविड के खिलाफ लड़ाई में समर्थन करने के लिए 10 करोड़ रुपये का योगदान दिया

नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एनसीएल) ने कॉरपोरेट सामाजिक कर्त्तव्य (सीएसआर) के तहत राज्य के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में 5 ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने के लिए मध्य प्रदेश राज्य सरकार को 10 करोड़ रुपये का योगदान दिया है। एनसीएल के मुख्य प्रबंधक निदेशक श्री प्रभात कुमार सिन्हा ने आज 10 करोड़ रुपये का चेक मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान को सौंपा। इससे राज्य को कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करने में मदद मिलेगी।

मुख्य प्रबंधक निदेशक श्री सिन्हा ने मुख्यमंत्री को एनसीएल और राज्य में इसके संचालन के बारे में अवगत कराया। उन्होंने सिंगरौली क्षेत्र में कंपनी की कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व गतिविधियों और क्षेत्र के समावेशी विकास के लिए शुरू की जा रही प्रमुख परियोजना के बारे में जानकारी दी। मुख्य प्रबंधक निदेशक ने कोविड-19 महामारी को रोकने के लिए एनसीएल द्वारा किए गए उपायों के बारे में भी विस्तार से बताया। मुख्यमंत्री ने राष्ट्र की ऊर्जा सुरक्षा में एनसीएल के योगदान और इस कठिन परीक्षा के समय में कोविड महामारी से लड़ने में एनसीएल के प्रयास की सराहना की। उन्होंने एनसीएल को अपना समर्थन देने का भी आश्वासन दिया।

मध्य प्रदेश सरकार के जन स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को कोविड महामारी के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं के बुनियादी ढांचे के उन्नयन के लिए 10 करोड़ रुपये की राशि दी गई है। इसके साथ ही कंपनी ने अपनी कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व पहल के तहत मरीजों के इलाज के लिए एम्स, भोपाल में ऑक्सीजन बनाने वाला संयंत्र स्थापित करने के लिए 1.75 करोड़ रुपये की सहायता भी दी है।

एनसीएल कोरोना के खिलाफ सिंगरौली जिला प्रशासन को भी ऑक्सीजन संयंत्रों जैसे चिकित्सा बुनियादी ढांचे के उन्नयन और आवश्यक व्यवस्था के लिए 7 करोड़ रुपये की राशि के साथ सहायता कर रहा है। इससे पहले भी एनसीएल ने कोविड-19 महामारी से लड़ने के लिए मध्य प्रदेश सरकार को 20 करोड़ रुपये की राशि का योगदान दिया था।

एनसीएल ने सिंगरौली क्षेत्र के गांवों में रहने वाले 1 लाख से अधिक लोगों को सार्वजनिक स्थानों की सफाई, राशन किट, मास्क, सैनिटाइज़र, चिकित्सा किट और चिकित्सा उपकरण आदि का वितरण जैसी आवश्यक सुविधाएं भी प्रदान की हैं। कर्मचारियों और स्थानीय लोगों की सेवा के लिए कोविड रोगियों के उपचार के लिए एक रिकॉर्ड समय में विकसित किया गया था।

एनसीएल भारत सरकार की एक मिनी रत्न कंपनी है, जो अपनी 10 अत्यधिक मशीनीकृत कोयला खदानों से सालाना 115 मीट्रिक टन से अधिक कोयले का खनन करती है, जिसमें मध्य प्रदेश में संचालित 6 ओपनकास्ट खदानें कंपनी के लगभग 85 प्रतिशत कोयले का उत्पादन करती हैं। एनसीएल कुल कोयला उत्पादन में लगभग 15 प्रतिशत का योगदान देता है, जिससे देश की कुल बिजली का लगभग 10 प्रतिशत उत्पादन होता है।

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