दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण के खतरनाक स्तर पर पहुंचने को आज के सभी समाचार पत्रों ने मुख पृष्ठ पर दिया है। हिन्दुस्तान की सुर्खी है – दिल्ली दुनिया में सर्वाधिक प्रदूषित, अत्यधिक गंभीर श्रेणी में पहुंचा वायु गुणवत्ता सूचकांक। उप राज्यपाल ने बैठक कर हालात की समीक्षा की। नवभारत टाइम्स के शब्द हैं – सबसे सख्त बंदिशों का काउंटडाउन, ए क्यू आई पांच सौ पहुंचा। दैनिक ट्रिब्यून लिखता है – अत्यधिक गंभीर हुई दिल्ली, हरियाणा की आबोहवा।
छत्तीसगढ में विधानसभा चुनाव के दौरान प्रवर्तन निदेशालय के छापे भी अखबारों की सुर्खी बने हैं। जनसत्ता ने प्रवर्तन निदेशालय के दावे को दिया है – महादेव ऐप के प्रवर्तकों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को दिए पांच सौ आठ करोड़ रूपए। अमर उजाला ने सीएम बघेल के शब्दों को दिया है — छवि धूमिल करने का प्रयास।
उधर, राजस्थान में जल जीवन मिशन से जुडे घोटालों के सिलसिले में जलदाय विभाग के एडिशनल चीफ सेकेट्री और पांच इंजीनियरों समेत दस लोगों के ठिकानों पर ईडी की छापेमारी दैनिक भास्कर में हैं।
चुनावी परिदृश्य पर राजस्थान पत्रिका लिखता है – सियासी डगर पर न कोई अपना न कोई पराया, रिश्तों पर भारी सियासत। मध्यप्रदेश में पांच, राजस्थान और छत्तीसगढ में दो-दो सीटों पर परिवार के ही लोग आमने-सामने।
हम तरीख पे तारीख वाली कोर्ट नहीं बनना चाहते। प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड के इन शब्दों को राष्ट्रीय सहारा ने पहले पन्ने पर दिया है। वकीलों द्वारा नए मामलों में स्थगन के अनुरोध का मुद्दा उठाते हुए प्रधान न्यायाधीश ने कहा – जब तक अत्यंत जरूरी न हो, तब तक सुनवाई स्थगित करने का अनुरोध न करें।