आज अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस है। यह दिवस लोगों को आत्मसम्मान और मानवाधिकारों के मामले में साक्षरता के महत्व के बारे में जागरूक करने के लिए मनाया जाता है। दुनिया भर में साक्षरता की दिशा में अच्छी प्रगति के बावजूद अभी तक 76 करोड़ से अधिक नौजवानों को साक्षर बनाने की चुनौती अभी बनी हुई है। हाल ही के कोविड-19 संकट और जलवायु परिवर्तन तथा अन्य समस्याओं ने इस चुनौती को बढ़ा दिया है।
इस वर्ष के अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस का विषय है -संक्रमण काल से गुजरते विश्व में साक्षरता को बढ़ावा: सतत और शांतिपूर्ण समाजों की स्थापना की नींव का निर्माण।
साक्षरता दिवस वैश्विक, क्षेत्रीय और स्थानीय स्तर पर दुनियाभर में मनाया जाएगा। वैश्विक स्तर पर फ्रांस के पेरिस में एक सम्मेलन आयोजित होगा। यूनेस्को की ओर से अंतरराष्ट्रीय साक्षरता पुरस्कार प्रदान किये जाएंगे।
इस बीच, यूनेस्को ने सरकारों का आह्वान किया है कि शिक्षा में कृत्रिम बुद्धिमता का इस्तेमाल करने के लिए मानव केंद्रित दृष्टिकोण अपनाया जाना चाहिए और इसके लिए समुचित दिशा-निर्देश और शिक्षकों का प्रशिक्षण सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस 1967 से मनाया जा रहा है।