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CCI ने फेडरेशन ऑफ पब्लिशर्स एंड बुकसेलर्स एसोसिएशन इन इंडिया (FPBAI) और इसके तीन पदाधिकारियों को प्रतिस्पर्धा-विरोधी गतिविधियों के लिए फिर से दंडित किया

भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने फेडरेशन ऑफ पब्लिशर्स एंड बुकसेलर्स एसोसिएशन इन इंडिया (एफपीबीएआई) और इसके तीन पदाधिकारियों के खिलाफ प्रतिस्पर्धा-विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के संबंध में अंतिम आदेश पारित किया है।

(i) इसके सदस्य पुस्तक विक्रेताओं/प्रकाशकों, जो इस उद्योग में सभी पुस्तक विक्रेताओं/प्रकाशकों का बड़ा हिस्सा है, द्वारा अंतर्राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं और पुस्तकों के आयात के लिए बैंक/आरबीआई की सामान्य दरों से अधिक कन्वर्शन रेट का निर्धारण,

(ii) मूल्य, क्रेडिट अवधि, ब्याज दरों आदि के संबंध में नियम और शर्तें निर्धारित करना, जिनका इसके सदस्य पुस्तक विक्रेताओं/प्रकाशकों को पुस्तकालयों, स्कूलों और अन्य उपभोक्ताओं को पुस्तकें, पत्रिकाएं और ई-रिसोर्सेज की आपूर्ति करते समय पालन करना होगा, तथा

(iii) पुस्तकालयों और अन्य संस्थाओं को केवल अनुमोदित विक्रेताओं से ही पुस्तकें खरीदने के लिए पहले से जारी परामर्श/अपील को आगे बढ़ाते हुए, अपने सर्कुलर के साथ पत्रिकाओं/सदस्यता एजेंटों के अनुमोदित आपूर्तिकर्ताओं की सूची जारी करना।

एफपीबीएआई द्वारा की जा रही ऐसी गतिविधियों को अधिनियम की धारा 3(1) के साथ धारा 3(3)(ए) और 3(3)(बी) के प्रावधानों का उल्लंघन पाया गया।

एफपीबीएआई द्वारा छूट नियंत्रण के आरोपों के संबंध में, सीसीआई ने पहले के एक मामले में इस संबंध में रोक लगाने का आदेश पारित किया था, जिसमें जुर्माना भी लगाया गया था, सीसीआई ने पाया कि हालांकि जांच के दौरान एफपीबीएआई के सदस्यों द्वारा दी जा सकने वाली छूट का उल्लेख करने वाले किसी नए सर्कुलर का पता नहीं चला, तथा तीसरे पक्ष की वेबसाइटों पर उपलब्ध इस संबंध में पूर्ववर्ती सर्कुलर को भी एफपीबीएआई द्वारा वापस नहीं लिया गया/हटाया नहीं गया। इस प्रकार, सीसीआई ने एफपीबीएआई को आयोग के पिछले आदेश के साथ-साथ वर्तमान आदेश में प्रतिस्पर्धा-विरोधी गतिविधियों के बारे में अपने सदस्यों के बीच जागरूकता फैलाने के निर्देश दिए।

तदनुसार, एफपीबीएआई और इसके तीन पदाधिकारियों पर 6.33 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया।

इसके साथ ही, यह देखते हुए कि सीसीआई ने पहले ही एफपीबीएआई की प्रतिस्पर्धा-विरोधी गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिसमें छूट को नियंत्रित करना और अपने सदस्यों को उन निविदाओं में भाग लेने से रोकने के लिए अपील/परामर्श जारी करना शामिल था, जिनकी शर्तें एफपीबीएआई के अनुरूप नहीं थीं, लेकिन इसके बावजूद भी इसी तरह के मुद्दे फिर से उभर रहे हैं, सीसीआई ने एफपीबीएआई को अपने सदस्यों के बीच प्रतिस्पर्धा कानून के बारे में जागरूकता फैलाने और इसके पहले के प्रतिस्पर्धा-विरोधी सर्कुलर और परामर्श/अपील को वापस लेने के संबंध में कुछ और निर्देश दिए।

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