सेना कमांडरों का सम्मेलन आज से नई दिल्ली में शुरू हो गया है, जो 22 अप्रैल तक चलेगा। यह सम्मेलन वर्ष में दो बार आयोजित किया जाता है। कमांडर सम्मेलन एक संस्थागत मंच है, जिसमें सेना संबंधी विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श किया जाता है और इसके निष्कर्ष भारतीय सेना के लिए महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णय लेने में सहायक होते हैं।
पांच दिन के इस सम्मेलन के दौरान भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारी सीमावर्ती क्षेत्रों में संचालन स्थिति की समीक्षा करेंगे। वे संघर्ष के समूचे क्षेत्र में खतरों का आकलन करेंगे तथा क्षमतागत खामियों का विश्लेषण करेंगे ताकि क्षमतागत विकास और तैयारियों पर ध्यान केन्द्रित किया जा सके।
इसमें सीमावर्ती क्षेत्रों में ढांचागत विकास और स्वदेशी साजो-सामानों के जरिए आधुनिकीकरण पर चर्चा की जाएगी। अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी को अपनाने तथा रूस -यूक्रेन युद्ध के प्रभाव का आकलन किए जाने की भी सम्भावना है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बृहस्पतिवार को वरिष्ठ कमांडरों के साथ बातचीत करने और सम्मेलन को सम्बोधित करने की संभावना है।
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