राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (NSD) का 21 दिवसीय भारत रंग महोत्सव पहली फरवरी से आरंभ होगा और इसमें देशभर के 150 से अधिक नाटकों का मंचन किया जाएगा। इस 25वें अंतर्राष्ट्रीय रंगमंच महोत्सव में लोगों की भागीदारी होगी और रंगमंच तथा नाटक साहित्य पर मंथन किया जाएगा। महोत्सव की शुरूआत मुंबई में होगी और समापन समारोह दिल्ली में होगा।
एनएसडी के निदेशक चितरंजन त्रिपाठी ने आज नई दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि महोत्सव की मुख्य विषय वस्तु ‘वसुधैव कुटुम्बकम-वंदेभारंगम’ है। उन्होंने कहा कि महोत्सव का उद्देश्य विश्व को रंगमंच के माध्यम से एक साथ लाना है।
चितरंजन त्रिपाठी ने बताया कि प्रसिद्ध अभिनेता और एनएसडी के पूर्व छात्र पंकज त्रिपाठी महोत्सव के एम्बेसडर हैं। उन्होंने कहा कि इस वर्ष महोत्सव 15 से अधिक राज्यों के विभिन्न स्थानों में होगा। इनमें भुज, विजयवाडा, जोधपुर, पटना और बेंगलुरू शामिल हैं। एनएसडी के अध्यक्ष परेश रावल ने लोगों से अधिक से अधिक संख्या में महोत्सव में शामिल होने की अपील की है।
महोत्सव के दौरान असमिया, बांग्ला, हिंदी, कन्नड, डोगरी, मैथिली, मराठी और गुजराती समेत कई भाषाओं में नाटकों का मंचन होगा। इसके अलावा रूस, स्पेन, इटली, बंगलादेश और नेपाल से चुने गये नाटक भी महोत्सव का हिस्सा होंगे।